महीनों से फरार चल रहे मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ थाने कोर्ट से जारी हुआ गैर जमानती वारंट रद्द हो गया है। थाने की एक अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह की पेशी के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया है।इसके साथ ही अदालत ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त को कहा कि वह ठाणे पुलिस के साथ जांच में सहयोग करें।

अदालत ने परमबीर सिंह को ₹15000 का निजी मुचलका भी भरने का भी निर्देश दिया है। गैर जमानती वारंट रद्द करने के बाद थाने की अदालत ने परमवीर सिंह पर कंडीशन भी लगाए हैं। पहला कंडीशन यह है कि परमवीर सिंह को 15000 का पर्सनल बांड भरना होगा।दूसरा कंडीशन किए है कि जब भी उन्हें इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर बुलाए तो उन्हें आना होगा।

बता दें कि इससे पहले मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमवीर सिंह उनके खिलाफ पड़ोस के ठाणे जिले में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश हुए। थाने पुलिस ने इस साल जुलाई में बिल्डर के केतन तन्ना कि शिकायत के आधार पर सिंह और 28 अन्य के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज किया था ।मामले में सिंह को खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।इतना ही नहीं हाल ही में एक अदालत ने परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया था।

बता दें कि परमवीर सिंह पर महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कुल 5 मामले दर्ज हैं। उगाही के मामले में परमवीर सिंह समेत छह लोग नामजद आरोपी है। इसमें सचिन वाज़े भी शामिल है। इस मामले में पहले ही सचिन वाजे को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसे फिलहाल न्यायिक हिरासत में कोर्ट में भेजा है

वहीं परमबीर सिंह को इस साल मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारी के पद से उस समय हटाया गया था, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक एसयूवी मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन बजे को गिरफ्तार किया गया था और कारोबारी मनसुख हीरोइन की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी।

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