दिल्ली में गफ्फार मार्केट की बिल्डिंग के पुनर्निर्माण को लेकर के राजनीति तेज होती हुई दिखाई दे रही है। जहां दिल्ली सरकार एमसीडी पर और एमसीडी दिल्ली सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा रही है। गफ्फार मार्केट जो कि मोबाइल फोन लेपटॉप बगैरा के लिए फेमस है। बता दें कि गफ्फार मार्केट 1976 में बनी थी। अब रुड़की के आईटी विभाग ने कहा कि, यह बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और बहुत जल्द यह बिल्डिंग गिर सकती है। इसलिए इस मार्केट को खाली कराना चाहिए, फिर क्या था नॉर्थ एमसीडी ने इस मार्केट को खाली करने का आदेश भी दे दिया। नॉर्थ एमसीडी के द्वारा दिए गए नोटिस पर दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी एमसीडी को घेर रही है और कह रही है कि इतने सालों से क्या एमसीडी सो रही थी जो अब जाकर जागी है और बिल्डिंग के पुनर्निर्माण की बात कर रही है ऐसे में सभी दुकानदार कहां जाएंगे और किस तरीके से अपना जीवन यापन करेंगे।

दोबारा जांच कराने की मांग

एमसीडी मार्केट के अध्यक्ष हरीश चितकारा ने कहा कि वह नगर निगम से मांग कर रहे हैं कि मार्केट की बिल्डिंग की दोबारा जांच कराई जाए। अगर वाकई बिल्डिंग खतरनाक स्थिति में है तो उन्हें आश्वासन दिया जाए कि यहां से हटाने के बाद कहां जगह दी जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्तरी निगम स्टैंडिंग कमेटी ने 16 मार्च 2016 को ही एक प्रस्ताव लाया था कि गफ्फार मार्केट की एमसीडी बिल्डिंग को तोड़ा जाए और इसे फिर से बनाया जाए, इससे रेवेन्यू आएगा। उन्होने कहा कि निगम पहले से इस बिल्डिंग को तोड़ने की योजना बना चुका है। 

दुकानदार बोले- पहले जगह दो, फिर हटेंगे

गफ्फार मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि बिल्डिंग का पुनर्निर्माण होना है ठीक है लेकिन हमें कहीं और रहने की जगह दी जाए साथ ही पूरी बिल्डिंग जर्जर नहीं हुई है उसका कुछ हिस्सा अगर खराब है तो उसे रिपेयर किया जाए क्योंकि एक दुकान से कई लोगों का घर जुड़ा है। एक दुकान पर कई लोग काम करते हैं। दुकानदारों का कहना है वो कोर्ट जाएंगे, अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। दूसरी तरफ लगातार दुकानदारों के प्रधान MCD के अधिकारियों के साथ बैठक भी कर रहे हैं लेकिन आगे क्या कुछ निष्कर्ष निकलता है ये देखने वाली बात होगी।

Share.
Exit mobile version