नई दिल्ली : पेगासस (Pegasus) कथित जासूसी मामले (Snooping Case) पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई शुरू हुई। इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम तथा शशि कुमार द्वारा दी गई अर्जियां भी शामिल हैं। याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा को सुनवाई की शुरुआत में ही कोर्ट के तंज का सामना करना पड़ा। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुनवाई के दौरान वकील एम एल शर्मा से कहा, आपके द्वारा दायर की गई याचिका सिर्फ अखबारों की कटिंग के आधार पर ही है।

सांकेतिक फोटो

वहीं वरिष्ठ पत्रकार एनराम और शशि कुमार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो फोन के जरिये लोगों की ज़िंदगी में घुस सकता है, सबकुछ देख-सुन सकता है। इसके अलावा कोर्ट के समक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि ये सीधे तौर पर व्यक्ति की निजता और उसके गरिमा के अधिकार का हनन है।

सांकेतिक फोटो

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से सवाल किया कि इस मामले में आईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है? इस सवाल का जबाब देते हुए कपिल सिब्बल की ओर से कोर्ट के समझ जानकारी दी गई कि कैलिफॉर्निया की कोर्ट में व्हाट्सएप ने केस दर्ज किया है। इसी के साथ सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि हमने उसका फैसला भी याचिका में दिया है, ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों को दिया जा सकता है… किसी प्राइवेट कंपनी को नहीं। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि 2019 में भी ऐसी रिपोर्ट्स थीं, आप दो साल बाद अचानक क्यों आए। जिस पर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि हाल ही में हुए खुलासों से ये सब पता चला है।

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर खेल जगत तक ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर दी बधाई

गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। ये सुनवाई कुल 9 याचिकाओं पर हो रही है जिसमें पत्रकार एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा की याचिकाएं शामिल हैं।

Share.

Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

Exit mobile version