NEW DELHI: पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में जनता का बुरा हाल है। गंगा नदी में बाढ़ आ जाने से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वाराणसी के निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कहा जा रहा है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में लगातार होती बारिश और बांध से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है जिसकी वजह से वाराणसी के निचले इलाकों में बाढ़ से भी बदतर हालात हो चुके हैं।


जलस्तर बढ़ने से शहरी कॉलोनियां जलमग्न होने लगी हैं और शहर की सड़कों पर नावें दौड़ रही हैं। गंगा नदी का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुका है और अभी भी बढ़ रहा है। अधिकारी लगातार बढ़ते जलस्तर और स्थिति से निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं। गंगा और वरुणा नदी में जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष बनाकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को तैनात कर नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। 

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बाढ़ आने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा है। सब्जियों से लेकर अनाज की फसल तक पानी में जलमग्न हो गई है। रमना गांव की स्थिति बेहद खराब है। खेतों के ज्यादातर हिस्सों में गंगा का पानी भर गया है, जहां नाव चल रही है। वहीं ग्राम प्रधान की अगुवाई में ग्रामीणों ने तटबंध न बनने की स्थिति में, 2022 के चुनावों में वोट ना देने की धमकी दी है। रमना गांव की खासियत है कि यहां सब्जी की पैदावार सबसे ज्यादा होती है।पूरे पूर्वांचल के लिए यह गांव सब्जी की सप्लाई का जरिया भी है। वहीं बढ़ते पानी से घाट बुरी तरह प्रभावित हैं। मणिकर्णिका घाट पहले ही जलमग्न हो चुका है और अंतिम संस्कार सड़क के ऊपर एक प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। 

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