नई दिल्ली: सर्दियों की आहट के साथ राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली होने लगी है. देश की राजधानी में सांस लेना मतलब फेफड़ों के साथ खिलवाड़ जैसा हो गया है। इसी बीच टेंशन बढ़ाने वाली खबर सामने आई है. दरसल अब दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। इस नए आंकड़े को इस मौसम में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। वहीं राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच शनिवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3216 घटनाएं देखी गईं है।

पहले कैसी थी दिल्ली की हवा:
राजाधानी दिल्ली प्रदूषण की मार से हमेशा से बेहाल रहा है. फिलहाल यहां की आबोहवा की बात करें तो इसमें ‘पीएम 2.5’ की मात्रा पराली के कारण 40 प्रतिशत के आसपास बढ़ चुकी है। मतलब ये की दिल्ली में शनिवार को ये 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी।

आंकड़ें क्या कहते हैं:
प्रदूषण पर नजर रखने वाली संस्था सफर के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिल्ली की हवा में प्रदूषण की मात्रा नवंबर के महीने में पराली जलाने की हिस्सेदारी के सात 44 प्रतिशत थी। यहां तक की नासा के द्वारा सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में भी साफ दिख रहा है कि पराली जलाने का सिलसिला पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में जारी है।

दिल्ली की हवा में जहर:
राजधानी दिल्ली की हवा जहर बनने के कगार पर है। यहां की हवा में शनिवार को दोपहर तीन बजे एक्यूआई 370 था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 367 रहा. यह शुक्रवार को 374, गुरुवार को 395 और बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 था.

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