किसान आंदोलन का आज 65वां दिन हैं। ये दिन जरूर बढ़ गया लेकिन, इस आंदोलन की रात बहुत भारी रही है। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद कई किसान नेताओं के नाम पर एफआईआर हुई है। यही वजह है कि, यूपी सरकार ने गाजीपुर से किसानों को हटाने के आदेश दे दिये हैं। 28 जनवरी की रात किसानों की गाजीपुर पर आखिरी रात बताई जा रही थी। लेकिन रात में अचानक कुछ ऐसा हुआ कि, गाजीपुर से किसान नहीं हटाये गये। हैरानी की बात ये है कि, किसानों को हटाने आये जवानों को हटा दिया गया है। गाजियाबाद एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह ने राकेश टिकैत से करीब पंद्रह मिनट तक बात की थी। जिसके बाद पुलिस ने रात में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कह दिया है कि, वो गाजीपुर बॉर्डर से तब तक नहीं हटेंगे जब तक किसान कानून केन्द्र सरकार वापस नहीं ले लेती है।

गाजीपुर से कब हटेंगे किसान?

गाजीपुर बॉर्डर से अचानक पीएसी सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया है। ऐसा क्यों किया गया है? इसका कारण सामने नहीं आ सका है। हालांकि सुरक्षाकर्मियों द्वारा कहा गया कि सुबह से ड्यूटी पर तैनात थे, अब जाने के लिए बोला गया है। वहीं, दूसरी तरफ गाजीपुर में रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियों की तैनाती 4 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। राकेश टिकैत की 28 जनवरी को जिस तरह से रोय थे और किसानों से अपील कर रहे थे। उसे देखकर हरियाणा के किसान राकेश टिकैत के सामर्थन में उतर आये हैं। कल रात ही हरिणाया के गांव वाले और किसान दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे थे। पुलिस ने गाजीपुर में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं है। लेकिन किसान वापस लौटने लगे हैं। आज गाजीपुर पर पुलिस बड़ा एक्शन ले सकती है। कल राकेश टिकैत की तबियत बिगड़ गई थी। वहीं दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर पर पुलिस बहुत ज्यादा एक्टिव है।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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