योगी आदित्यनाथ ने जब उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली थी तभी भ्रष्टाचारियों और बदमाशों को सुधर जाने की चेतावनी दी थी। उन्होने साफ कर दिया था कि, इस सरकार में गुंडई और माफियाराज को चलने नहीं दिया जाएगा। हमारी सरकार सूबे से भ्रष्टाचार और माफियाराज खत्म कर विकास का राज स्थापित करने आई है। ऐसे में जब प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ लगातार मिल रही भ्रष्टाचार की शिकयतों पर सीएम योगी ने सख्त एक्शन लिया और एसएसपी अभिषेक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था लागू नहीं कर पाने के आरोप को देखते हुए यह कदम उठाया है। वैसे दीक्षित को हाल ही में सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के स्थान पर 16 जून को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। अब उन्हें डीजीपी मुख्यालय, लखनऊ भेज दिया गया है। जहां उनका भ्रष्टाचार का खेल नहीं चल पाएगा। 2006 बैच के आइपीएस अफसर सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी प्रयागराज के नए एसएसपी बनाए गए हैं।

अभिषेक पर क्या-क्या आरोप ?

गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि, अधिकारी के खिलाफ एक्शन पुलिस ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के कई आरोपों की वजह से लिया गया है। अभिषेक दीक्षित प्रयागराज में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने में भी फेल साबित हुए। शासन एवं मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप नियमित रूप से फूट पेट्रोलिंग किए जाने और बैंकों तथा आर्थिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही बाइकर्स गैंग की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम में भी SSP की कार्रवाई ना के बराबर रही। जिले में चेकिंग और पर्यवेक्षण का काम भी सही ढंग से नहीं किया गया। प्रयागराज में पिछले 3 महीने में विवेचनाओं के लंबित होने के मामले में भी उनकी कार्रवाई पर सवाल उठे थे। गृह विभाग द्वारा जारी बयान के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी को लेकर सामाजिक दूरी के संबंध में भी सरकार के निर्देशों का जिले में सही ढंग से पालन नहीं कराया गया जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा अप्रसन्नता जताई गई थी।

अनिरुद्ध पंकज को भी अचानक हटाया था

अभिषेक दीक्षित को पिछले दिनों सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज की जगह पर प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को भी पद से अचानक हटाया गया था। सरकार की दलील थी कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को कोरोना के संक्रमण के कारण पदमुक्त कर प्रतीक्षा सूची में डाला गया है। हालांकि उस दौरान विपक्षी दलों ने यह दलील दी थी कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने शिक्षक भर्ती कांड का खुलासा किया था, जिसके बाद उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया।

6 IPS अधिकारियों के ट्रांसफर

यूपी सरकार ने मंगलवार शाम 6 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी की है। जिसके मुताबिक, लखनऊ के डीसीपी सर्वेश्रेष्ठ त्रिपाठी को डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज बनाया गया है। इसके साथ ही उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड में सीबीआई की रडार पर आने वाली डीआईजी/एसएसपी रेलवे गोरखपुर से डीआइजी रेलवे लखनऊ के पद पर भेजा गया है। एटीसी सीतापुर में तैनात देवेश कुमार पांडेय को लखनऊ में डीसीपी के पद पर तैनाती दी गई है। डीआइजी/पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय अभिसूचना गोरखपुर, गंगानाथ त्रिपाठी को डीआइजी भ्रष्टाचार निवारण संगठन, लखनऊ के पद पर भेजा गया है।

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