मोदी सरकार के द्वारा बनाये गये किसान कानूनों को लेकर लगातार किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 14 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर कई राज्यों के किसान इन किसान कानूनों के विरोध मे प्रदर्शन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि, जब तक किसान कानून सरकार वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। इस बीच सरकार ने किसान कानूनों में संशोधन करने के लिये किसानों के पास प्रस्ताव भेजा है। हालांकि, केन्द्र की तरफ से दिए गए नए प्रस्ताव में एमएसपी समेत एपीएमसी कानून में बदलाव और प्राइवेट प्लेयर पर टैक्स की बातें है। जिसको लेकर किसान बिल्कुल भी खुश नही है और कह रहे हैं कि, उन्हें कानून मे बदलाव नही बल्कि कानून रद्द कराना है। पंजाब किसान संघर्ष समिति की तरफ से भी बड़ा एलान किया गया है। जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी किसानों की लड़ाई ऐसे ही चलती रहेगी।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा है कि, किसान किसी भी हाल में वापस नहीं जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, सरकार निरंकुश होकर काम कर रही है। अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी है तो किसान भी अड़े रहेंगे। इधर, किसान संघर्ष समिति, पंजाब के कंवलप्रीत ने सिंघु बॉर्डर पर कहा कि,.. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। ये हमारी मांग है और आगे भी रहेंगी। आपको बता दें, कल रात गृह मंत्री अमित शाह और किसानों के बीच छठे राउंड की बैठक हुई थी। इस बैठक में भी सरकार किसानों को नही मना सकी।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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