किसान बिल पर बवाल अब भी जारी है। संसद से सड़क के बाद अब पंजाब विधानसभा में बिल के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। मंगलवार को इस कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव पेश करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा,  मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, मुझे अपनी सरकार के बर्खास्त होने का डर नहीं है, लेकिन मैं किसानों को परेशान या बर्बाद नहीं होने दूंगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा पेश किए तीन विधेयक, किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु, विधेयक 2020 और किसान समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा विधेयक 2020 हैं। इसी के साथ कृषि कानूनों को लेकर ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल, आप और लोक इंसाफ के विधायकों ने विधेयकों का समर्थन किया।

भारत सरकार से अमरिंदर के सवाल

अमरिंदर सिंह ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि राज्य का विषय है, लेकिन केन्द्र ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा, मुझे काफी ताज्जुब है कि आखिर भारत सरकार करना क्या चाहती है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि, कृषि बिल संसद से पास होने के बाद कानून बन गया लेकिन विधानसभा ने सर्वसम्मति से उन अधिनियमों को अस्वीकार कर दिया है। हमने एक प्रस्ताव पारित किया है और एक साथ यहां आए हैं। हमने राज्यपाल को प्रस्ताव की प्रतियां दीं और उनसे इसे अनुमोदित करने का अनुरोध किया । अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने विभिन्न विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद सुबह साढ़े नौ बजे किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।

अमरिंदर इस्तीफा देने को तैयार

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के किसानों के प्रति किये जा रहे अन्याय के आगे झुकने के बजाए वह इस्तीफा देने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि केंद्र द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों के कारण राज्य की शांति बाधित हो सकती है और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों की खरीद को किसानों का वैधानिक अधिकार बनाने के लिए एक नए अध्यादेश की घोषणा करने और एफसीआई और अन्य ऐसी एजेंसियों के माध्यम से भारत सरकार द्वारा खरीद जारी रखने की मांग की गई है।

केंद्र सरकार के बिल बने कानून

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक-2020, कृषक कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 विधेयक हाल ही में संसद में पारित हुए थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी के बाद अब ये कानून बन चुके हैं। जबकि कृषि राज्यों पंजाब और हरियाणा में किसान केन्द्र के इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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