किसान आंदोलन थमने के नाम ही नहीं ले रहा है। यह आंदोलन पंजाब के अलावा और भी कई राज्यों में आग की तरह फैल चुका है। यह आंदोलन पंजाब व हरियाणा के अलावा यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, झारखंड, बिहार तक पहुंचा है और किसान प्रतिनिधि दावा करते है कि यह आंदोलन अन्य राज्यों के अंदर भी शुरू हो गया है। क्योंकि वहां के किसान संगठनों के प्रतिनिधि उनसे संपर्क करके आंदोलन पर चर्चा भी कर रहे है।

आज राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसान आंदोलन को लेकर सरकार के तरीके पर सवालिया निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि – अदानी-अंबानी कृषि कानून’ रद्द करने होंगे। और कुछ भी मंजूर नहीं!

वहीं और नेताओं की तरह केजरीवाल भी सिंघु बॉर्डर पहुंचे लेकिन वह मुख्य मंच तक पहुँच नहीं पाए। जानकारी के अनुसार किसान किसी भी राजनीतिक दल को मुख्य मंच तक नहीं आने देते। केजरीवाल ने किसान आंदोलन का सपोर्ट करते हुए कहा कि – हम शुरू से किसान आंदोलन के साथ खड़े हैं। मैं किसानों की मांग से सहमत हूं। मुझे लगता है उनकी सभी मांग जायज है। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए। मैं आज यहां मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया। मैं यहां उनका सेवक बनकर आया हूं। मैंने यहां की व्यवस्था भी देखी है। कुछ पानी की दिक्कत है। उसे ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने भारत बंद पर कहा कि, हम भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। आप के सभी कार्यकर्ता को इसमें शांतिपूर्वक शामिल रहना है। हम इस बंद को सफल बनाएंगे। जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो मुझे 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए कहा गया। मगर हमने नहीं माना। मुझे कई फोन आए। बहुत दबाव भी था। मगर मैंने अपने जमीर की सुनी। मुझे लगता है कि उस फैसले के कारण किसान आंदोलन को मजबूती मिली है। केंद्र का प्लान था किसानों को जेल में डालने का। मगर मंजूरी नहीं मिलने से आंदोलन मजबूत हुआ है।

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