पूरे देश में बेलगाम हो रही पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से हाहाकार मचा हुआ है। इससे महंगाई काफी बढ़ गई है। जैसे-जैसे पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, वैसे ही आम जन जीवन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। इसी बीच राहत भरी ख़बर आ रही है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले महीने से पेट्रोल-डीजल के दाम में थोड़ी राहत मिल सकती है। खबर की मानें तो ओपेक प्लस देशों ने अगले महीने से कच्चे तेल का उत्पादन को बढ़ाने का फैसला किया है। जिसके चलते पूरे देश में बेलगाम हो रही पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से थोड़ी राहत मिल सकती है।

सांकेतिक फोटो

वर्तमान में सीमित उत्पादन के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पिछले ढाई साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। बीते हफ्ते की बात की जाए तो कच्चे तेल का क्लोजिंग भाव 73.14 डॉलर प्रति बैरल रहा था, जबकि जुलाई में ये बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। जो एक मायने में बहुत ज्यादा है। हालांकि, कच्चे तेल का क्लोजिंग भाव लगातार तीन महीने तक बढ़ने के बाद जुलाई मांह में करीब 2 फीसदी तक गिरावट के साथ नीचे आई है।

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हालांकि ध्रुव सत्य यह है कि पूरे देश में बेलगाम हो रही पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को कम करने को लेकर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। एक रिपोर्ट्स की मानें तो RBI समेत आम लोगों के बार-बार गुहार लगाने पर भी टैक्स में कमी का रास्ता केंद्र या राज्यों सरकारों ने नहीं अपनाया। दरअसल में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओपेक प्लस देशों ने अगस्त से हर महीने रोजाना 4 लाख बैरल प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर रविवार की बैठक में फैसला लिया गया। ख़बर की मानें तो सितंबर में मौजूदा उत्पादन के मुकाबले 8 लाख बैरल रोजाना प्रोडक्शन बढ़ेगा। बता दें कि इसके बाद उम्मीद है कि कीमतों में कमी आएगी।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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