देवभूमि उत्तराखंड में आसमान से आफत की बारिश का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मूसलाधार बारिश ने पहाड़ पर जन जीवन को अस्त व्यवस्त कर दिया है। पर्वतीय इलाकों में कही पहाड़ दरक रहे हैं तो मैदानी इलाके में जल जला सा आ गया है। जलजला ऐसा कि लोगों का दिल कांप रहा है। कुदरत का तांडव ऐसा पूरे उत्तराखंड में हाहाकार मचा है। मूसलाधार बारिश के बाद देवभूमि दरिया जैसी नजर आ रही है। आसमान से आफत की बारिश लोगों पर सितम ढहा रही है। सड़क पर कड़ी गाड़ी देखते ही देखते पानी में आधी डूब चुकी है। बारिश का पानी सड़क पर दरिया की तरह बह रहा है। मसूरी उत्तरकाशी टिहरी समेत पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश के बाद जन जीवन अस्त व्यवस्त हो गया है। मौसम विभाग ने  30 जुलाई तक पूरे उत्तराखंड में बारिश की संभावना जताई है। मैदानी इलाकों में सड़के समुंद्र बनी नजर आ रही हैं। भारी बारिश के बाद सरयू और गोमती उफान पर हैं।  मसूरी में देर रात से हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरीके से अस्त-व्यस्त हो गया है। मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 मसूरी टिहरी बाईपास लक्ष्मणपुरी के पास भारी भूस्खलन होने के बाद रास्ता भी बंद हो गया है। उत्तरकाशी जिले में देर रात से हो रही भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। बारिश की वजह से जनपद में गंगोत्री-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जगह जगह बाधित हो गया है। आवाजाही में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू, रतूडी सेरा, बन्दकोट, नेताला और हिना में रास्ते बंद होने की खबर है। फिलहाल उत्तराखंड में बारिश का रेड अलर्ट है और लोगों को सावधान रहने की जरुरत है।

यूपी में भी पानी-पानी

पहाड़ों के साथ-साथ मैदानों में भी मॉनसून की भारी बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं। यूपी में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। यूपी के कानपुर, उन्वाव, बुलंदशहर, बस्ती, गोंडा समेत कई जिलों में नदियां अपना विकराल रूप दिखा रही हैं। उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के चलते बिजनौर में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दर्जन भर गांवों का शहर से संपर्क टूट चुका है। ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पर रहा है। खेतों से पशुओं के लिए चारा लाना लोगों के लिये मुसीबत का सबस बन गया है। थाना बढ़ापुर की पहाड़ा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है।  लोग अपनी जान को खतरे में डालकर नदीं पार करने को मजबूर हो रहे हैं। महिलाएं बच्चे बुजुर्ग सबको बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है। गोंडा जिले में भी बारिश और बाढ़ का सितम है। नदियां जमकर अपना तांडव दिखा रही हैं। किसानों की कई बीघा फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। गांव पानी में समाए हुए हैं.. बस्तियों में पानी भरा है। जिससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। जिले में नदियों के बढ़ते जलस्तर का असर बिसुही नदी पर पड़ा है। बिसुही नदी ने रुख ही बदल दिया है और अब वह उल्टा बहने लगी है। 20 साल बाद ऐसी स्थिति बनी है जब नदी उल्टा प्रवाहित हो रही है। बस्ती जिले में घाघरा नदी उफान पर है। पहाड़ों की बारिश मैदानों के लिए आफत बन गई है। हर साल की तरह एक बार फिर घाघरा नदी अपना विकराल रूप दिखा रही है।

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