इंसान की बॉडी में दिमाग एक ऐसी चीज है जो सबसे मुश्किल संरचनाओं में से एक मानी जाती है। आप इसकी कल्पना एक बड़े से स्विच बोर्ड की तरह कर सकते है। जहां बहुत सारे बटन नॉट, डायल और लीवर है। इन बटंस की मदद से ही आपके इमोशंस, यादें और व्यवहार को कंट्रोल किया जाता है। एक सदी से न्यूरोसाइंटिस्ट इन बटंस और लीवर को समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह जितनी आसानी से कही गई है दिमाग को समझना उतना ही बेहद मुश्किल है।

इंफॉरेड लाइट की मदद

अब साइंटिस्ट ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी खोजी है जो इंफॉरेड लाइट की मदद से दिमाग को कंट्रोल कर सकते हैं। यानी यह एक हिप्नोटाइज की तरह माना गया है। टेक्नोलॉजी को फिलहाल चूहों पर टेस्ट किया गया। Wu Tsai Neuroscience institute ने इस टेक्नोलॉजी को जानवरों में लगे ब्रेन सर्किट पर इस्तेमाल किया। जिसमें पता चला कि यह टेक्नोलॉजी एक सम्मोहन के जैसी है। जिस तरह से सम्मोहित करके किसी से भी कोई काम करवाया जा सकता है। उसी तरह से इस टेक्नोलॉजी से दिमाग में लगे चिप को कंट्रोल किया जा सकता है।

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ब्रेन विजुअल्स लाइट को ठीक से समझ नहीं पाता

इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च Guosong Hong और उनके सभी साथियों ने की है। साइंटिस्ट ने बताया कि ब्रेन विजुअल्स लाइट को ठीक से समझ नहीं पाता। इसलिए रिसर्चर ने इन्फोरेड लाइट का इस्तेमाल किया है। साइंटिस्ट का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी को अभी चूहों पर ही टेस्ट किया जा रहा है। इंसान पर इस्तेमाल को लेकर कोई जानकारी अभी नहीं दी गई है। यदि यह सर्वेक्षण जानवरों पर सफल रहा तो इस को आगे बढ़ाने में सफलता मिलेगी।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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