विश्व के अन्य देशों की तरह अब भारत में भी ओमिक्रॉन का प्रकोप बढ़ रहा है। जब से मुंबई की धारावी में ओमिक्रॉन से पीड़ित एक मरीज मिला है। तब से मुंबई में भी तनाव का माहौल बना हुआ है। इस मरीज के संज्ञान में आने के बाद सरकार और भी ज्यादा सक्रिय हो गई है। मुंबई सरकार ने इन हालातों को मद्देनजर रखते हुए 11-12 दिसंबर के लिए धारा 144 लागू कर दी है, सिर्फ यही नहीं अब शहर में रैली, जुलूस और मोर्चे पर भी कानूनी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अब तक मुंबई में ओमिक्रॉन के 17 मामले दर्ज हो चुके हैं। यही वजह है कि अब सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति आदेशों का पालन नहीं करता है, तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत सजा दी जाएगी। चूंकि बीते शुक्रवार को 9 ओमिक्रॉन से जुड़े 7 नए मामले दर्ज हुए थे। इसीलिए सरकार को तुरंत यह सभी सख्त कदम अख्तियार करने पड़े। अगर संक्रमित मरीजों की जानकारी बताएं, तो इनमें से तीन लोगों की उम्र अलग-अलग आयु वर्ग से संबंधित है। एक मरीज की आयु 48, एक की 25 और एक की 37 साल है।

यह मरीज तंजानिया, यूके और दक्षिण अफ्रीका से होते हुए भारत आए हैं। दूसरी तरफ पिंपरी-चिंचवड में जो मामले सामने आए हैं। वह सभी नाइजीरियन महिला के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट के सिलसिले में आए थे।

भारत में अब तक मिले ओमिक्रॉन के 32 मामले

चिंता की बात यह है कि भारत में अब तक इस वेरियंट से जुड़े 32 मामले सामने आ चुके हैं। अगर राज्य के हिसाब से संख्याओं की बात करें, तो अब तक महाराष्ट्र में 17, राजस्थान में 9, गुजरात में 3, कर्नाटक में 2 और दिल्ली में 1 केस ओमिक्रॉन वेरिएंट का मिल चुका है। इस तनाव के बीच में एक राहत की खबर यह है कि राजस्थान में जिन 9 लोगों में ओमिक्रॉन वेरियंट की पुष्टि हुई थी उन सभी 9 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है, परंतु कर्नाटक से एक मरीज दुबई चला गया है।

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