आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने वाले कॉमरेड बलविंदर सिंह की आज सुबह यानी शुक्रवार को पंजाब के तरनतारन में उनके घर पर ही अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सुबह करीब सात बजे बलविंदर सिंह घर में थे। कुछ अज्ञात लोग घर में आए और पिस्टल के साथ हमला कर दिया। यह हमला आतंकी है या फिर कुछ और अभी तक पुलिस कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। आरोपी मौके से फरार हो गये। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। हालांकि उनकी सुरक्षा भी कुछ समय पहले वापस ले ली गई थी जिसका बलविंदर सिंह ने विरोध किया था। बलविंदर सिंह की उम्र 62 साल थी। बलविंदर सिंह कई साल तक राज्य में आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ते रहे और आतंकवादियों ने पहले भी कई बार उन पर हमले किये थे।

आतंकी हमले का संदेह

बलविंदर सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। गोली लगने से उनकी मौत हो गई। बलविंदर आतंकवादियों से कड़ाई से मुकाबले के लिए जाने जाते थे। उनके भाई रंजीत सिंह ने संदेह जताया है कि यह हमला आतंकी भी हो सकता है। बलविंदर सिंह घर के समीप ही एक स्कूल भी चलाते थे। करीब एक साल पहले उन पर अज्ञात लोगों ने हमला भी किया था। घटना की जानकारी मिलने के बावजूद पुलिस आधा घंटा देर से पहुंची। हालांकि घटना स्थल के पास ही पुलिस थाना भिखीविंड है। फिलहाल, डीएसपी राजबीर सिंह मौके पर पहुंच चुके हैं।

आतंकवाद को दिया करारा जवाब

पंजाब में आतंकवाद के दौर में दहशतगर्दों का बहादुर से मुकाबला करके मुंहतोड़ जवाब देने वाले बलविंदर सिंह और उनके परिवार को 1993 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। बलविंदर सिंह कम्युनिस्ट विचार से प्रभावित थे और भिखीविंड सिख युवाओं के धार्मिक कट्टरपंथीकरण के खिलाफ थे। खालिस्तानी मूवमेंट और आतंकवाद का उन्होंने जमकर विरोध किया। जब पंजाब आतंकवाद के शिकंजे में था, तब उन्होंने और उनके परिवार ने अपने गांव को किले में तब्दील कर दिया था। उन्होंने परिवार समेत अपनी पत्नी और बच्चों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी और आतंकवादियों से डटकर मुकाबला किया। जानकारी के मुताबिक, पंजाब में आतंकवाद के दौर में बलविंदर सिंह की आतंकियों से 16 बार भिड़ंत हुई। हर बार बलविंदर सिंह ने आतंकियों को लोहे के चने चबाए यानी बलविंदर सिंह और उनके परिवार ने आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला किया। जब हमला होता आतंकी 10 से लेकर 200 तक की संख्या में होते फिर भी उन्हें खदेड़न में बलविंदर सिंह कामयाब रहे। हैंड ग्रनेडों और राकेट लांचरों के साथ हमला करने वाले कई नामी आतंकियों को उन्‍होंने मार गिराया था।

200 आतंकियों को खदेड़ने वाले बलविंदर सिंह

बलिंदर सिंह के परिवार पर पहला हमला 31 जनवरी 1990 और आखिरी 28 दिसंबर 1991 को किया गया था, लेकिन सबसे घातक हमला 30 सितंबर 1990 को हुआ था। उस दिन करीब 200 आतंकवादियों ने उनके घर को चारों ओर से घेर लिया था और उन पर लगातार अटैक कर रहे थे। इस दौरान आतंकवादियों ने उन पर रॉकेट लांचर सहित घातक हथियारों के साथ अटैक किए थे। आतंकवादियों ने सभी रास्ते बंद कर दिए थे ताकि पुलिस मदद न मिल सके। लेकिन बलविंदर सिंह और उनके परिवार ने सरकार की तरफ से मिले पिस्तौल और स्टेन-गन के जरिये आतंकवादियों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

Share.
Exit mobile version