सुप्रीम कोर्ट ने शीना बोरा मर्डर केस की मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी को ज़मानत दे दी है। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में इस तथ्य को सामने रखा कि इंद्राणी मुखर्जी बीते साढ़े छह सालों से जेल में हैं और इस केस की सुनवाई इतनी जल्दी पूरी होती नहीं दिख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी। वह 7 साल से मुंबई की जेल में बंद है। 10 साल पहले यानी 2012 में शीना बोरा की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इंद्राणी मुखर्जी अपनी ही बेटी शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी है। शीर्ष कोर्ट ने 6 साल से अधिक समय जेल में रहने के आधार पर जमानत का आदेश दिया है। इंद्राणी ने दलील दी थी कि उसका मुकदमा छह साल से भी ज्यादा समय से चल रहा है। अभी इसके जल्द निपटने की कोई संभावना नहीं है। इंद्राणी मुखर्जी को उसके ड्राइवर द्वारा किए गए खुलासे के बाद 2015 में गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना ने एक विशेष प्रार्थना याचिका पर सुनवाई पर करते हुए यह फ़ैसला दिया। यह याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट के नवंबर 2021 में दिए गए एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर की गई थी, जिसमें उनकी ज़मानत की अर्ज़ी को अस्वीकार कर दिया गया था।
बेंच ने माना कि यह केस परिस्थितिजन्य सबूतों पर आधारित है और ऐसे में इस केस का ट्रायल इतनी जल्दी पूरा होता नहीं दिख रहा। बेंच ने अपना फ़ैसला देने के दौरान इस बात का भी ज़िक्र किया कि इंद्राणी मुखर्जी के सह-अभियुक्त और पति पीटर मुखर्जी को पहले ही ज़मानत दी जा चुकी है।
क्या था मामला
शीना बोरा की हत्या अप्रैल 2012 में हुई थी। उनकी मौत के तीन साल बाद केस खुला और जाँच शुरू हुई। शक की सुई शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी और सौतेले पिता और मशहूर मीडिया हस्ती पीटर मुखर्जी पर गई। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ़्तार कर लिया। इस मामले की जाँच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी। बाद में जाँच का ज़िम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया।
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