अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शताब्दी समारोह की धूम है। यूनिवर्सिटी को बने 100 साल पूरे हो गए हैं। 1 दिसंबर 1920 को इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था। दिसंबर के पूरे महीने विश्वविद्यालय में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्य कार्यक्रम 22 दिसंबर को आयोजित है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। कोरोना के चलते ये कार्यक्रम वर्चुअल आयोजित किया जाएगा और पीएम इसे संबोधित करेंगे। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इसका हिस्सा बनेंगे।

AMU में शताब्दी समारोह की धूम

महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की जरूरत को महसूस करते हुए 24 मई 1875 को एक स्कूल की स्थापना की थी जो बाद में 17 दिसंबर 1920 में अलीगढ़ मुश्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से स्थापित हुआ। यह आजादी के बाद देश के चार केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक था। 22 दिसंबर को सुबह 10 बजे से कार्यक्रम शुरु हो जाएगा। इसके लिए AMU प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। 1964 में पीएम लाल बहादुर शास्त्री के बाद AMU के समारोह में शामिल होने वाले मोदी दूसरे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। AMU प्रशासन इससे बेहद खुश है।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर राजनीति तेज

इस बार AMU मेहमान मोदी की वजह से चर्चा में है। बितों कुछ सालों में AMU की चर्चा उपलब्धियों से ज्यादा विवादों की वजह से रही है। चाहे वो जिन्ना हो या NRC का विरोध। 22 दिसंबर को पीएम मोदी AMU के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे तो उनके संबोधन पर सबकी नजरें रहेगी। क्योंकि, कई लोग एएमयू के कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने की आलोचना कर चुके हैं और कई छात्र सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के विरोध का प्लान बनाएं बैठे हैं। जबकि कई छात्र ऐसे भी हैं जो पीएम मोदी के मेहमान बनाए जाने का स्वागत कर रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान माहौल खराब ना हो इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई हैं। करीब 20 रैपिड एक्शन फोर्स के जवान पहले से ही सुरक्षा के लिए यूनवर्सिटी के गेट पर तैनात हैं।  

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