नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इस कानून पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कोर्ट ने एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है। इस कमेटी का काम सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध को समझना और रिपोर्ट कोर्ट को सौंपना होगा। इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवट और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और डा प्रमोद जोशी को रखा गया है। चलिए आपको बताते हैं कि ये चारों लोग कौन हैं.

भूपिंदर सिंह मान:
भूपिंदर सिंह मान फिलहाल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आसिन हैं। इसके अलावा भूपिंदर सिंह मान किसान को-आर्डिनेशन कमेटी के चैयरमैन के पद पर भी हैं। इससे पहले वो 1990 राज्यसभा के लिए नॉमिनेटेड सांसद भी रह चुके हैं। वो लगातार किसानों के लिए लड़ते रहे हैं।

प्रमोद कुमार जोशी:
प्रमोद कुमार जोशी देश के जाने माने कृषि अर्थशास्त्री और खाद्य नीति विशेषज्ञ के पद पर हैं. वे साउथ एशिया इंटरनेशल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक पद पर भी हैं. जोशी को कृषि क्षेत्र के प्रशासन में काम करने का बहुत लंबा अनुभव है, तथा वो किसानों से जुड़ी परेशानियों को अच्छे से समझते हैं।

अशोक गुलाटी:
अशोक गुलाटी भी जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री हैं। इससे पहले वो एमएसपी पर सुझाव देने वाली सीएसीपी कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके हैं। साल 2015 में जोशी को पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अनिल घनवट:
अनिल घनवट किसानों के लिए काम करने वाली शेतकारी संगठन के अध्यक्ष हैं। उनका ये संगठन किसानों के लिए काम करती है।

किसान संगठनों ने क्या कहा:
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने के बावजूद किसान संगठनों का कहना है कि जबतक तीनों कृषि कानूनों पर रोक नहीं लगाई जाती तबतक वो अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

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