रेलवे लाइन के करीब झुग्गी-झोपड़ियां बनाकर रह रहे लोगों के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बुरी खबर सामने आई है। SC ने तीन महीने के भीतर दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया है। इस आदेश में ये भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर स्टे नहीं दे। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एम. सी. मेहता के उस मामले में सुनाया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट साल 1985 के बाद से दिल्ली और उसके आसपास प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर समय-समय पर आदेश जारी करता रहता है। रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण हैं जिसमें 70 किलोमीटर लाइन के साथ यह बहुत ज़्यादा है जो कि क़रीब 48000 झुग्गियां है। रेलवे ने कहा कि एनजीटी ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था, जिसके तहत इन झुग्गी बस्तियों को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। हालांकि राजनैतिक दखलंदाजी के चलते रेलवे लाइन के आसपास का ये अतिक्रमण अब तक हटाया नहीं जा सका है।

राजनीतिक दखलंदाजी पर‘सुप्रीम’सख्त

2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी रेलवे ट्रैक के सेफ्टी जोन से झुग्गियों को हटाने का आदेश जारी किया था। लेकिन उस दौरान बहुत राजनीतिक ड्रामा हुआ था और सभी राजनीतिक पार्टियां झुग्गी में रहने वाले लोगों के समर्थन में उतर आई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर जोर देकर ये भी कहा कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव और दखलंदाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में अगर कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी करती है तो वो प्रभावी नहीं होगा।

चरणबद्ध तरीक़े से एक्शन का प्लान !

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि दिल्ली सरकार, रेलवे और संबंधित नगर निगमों के सभी हितधारकों की बैठक की जाए। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार ट्रस्ट की बैठक अगले सप्ताह बुलाई जाए और काम शुरू किया जाए। अपेक्षित राशि का 70% रेलवे वहन करेगी और 30% राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। भारतीय रेलवे की तरफ से कहा गया कि इसमें से काफी अतिक्रमण तो रेलवे के सुरक्षा जोन में है जो कि बेहद चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि इन झुग्गियों को हटाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाए और सबसे पहले रेलवे सुरक्षा जोन से अतिक्रमण हटाया जाए जो कि तीन महीने में पूरा हो जाना चाहिए।

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