किसान कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार 22 दिनों से जारी है। जिसकी वजह से सरकार पर लगातार दबाब बनता जा रहा है। इसके साथ ही किसानों के आंदोलन का मुद्दा अब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। जिसकी वजह से अब उम्मीद की जा रही है कि, पिछले 22 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन का रास्ता शायद सुप्रीम कोर्ट से निकल सके। क्योंकि सरकार लगातार किसानों को मनाने की कोशिश कर चुकी है। लेकिन उनके सारे प्रयास अभी तक बेनतीजा ही रहे हैं। जहां तरफ सरकार अपने किसानों कानूनों को वापस ने लेने की जिद पर अड़े हैं, वही दूसरी तरफ किसानों ने साफ कह दिया है कि, जब तक सरकार किसान कानून वापस नहीं लेगी तब तक उनका आंदोलन लगातार चलता ही रहेगा और वह न तो रुकेंगे और न ही झुकेंगे। इस बीच ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिसकी सुनाई का आज दूसरा दिन है। पहले दिन की सुनवाई के दौरान
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, सरकार और किसानों के बीच समझौता किया जा सकता है। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। जो सराकर और किसानों से बात करके बीच का रास्ता निकालेगी।इसके साथ ही किसानों का इस सुनवाई के बारे में कहना है कि, उन्हें कोर्ट की तरफ से की नोटिस नहीं मिला है। जब हमें नोटिस मिलेगा, तो सभी किसान यूनियन एक चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे।वहीं इस कड़ाके की सर्दी में सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। जिसकी वजह से हर तरफ शोक की लहर दौड़ पड़ी है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे किसान आंदोलन लगातार जारी है। किसान साफ कह चुके हैं । जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।