पश्चिम बगाल मे जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं। वैसे-वैसे भाजपा टीएमसी और ममता बनर्जी के लिये मुसीबत खड़ी करती जा रही है। जिसकी वजह से ममता बनर्जी ने भी अपने किले को बचाने के लिये प्रयास करने शुरू कर दिये हैँ। बंगाल का सियासी घमासान इतना बढ़ चुका है कि, केन्द्र सरकार ने बंगाल के तीन आपीएस अफसरों पर गाज गिराते हुए उन्हें तुरंत कार्यभार से मुक्त करने का आदेश दे दिया है। केन्द्र सरकार ने ये कदम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद लिया है। केंद्र के द्वारा 3 आईपीएस अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस पर गुस्सा फूटा है। ममता ने कहा है कि, हम केन्द्र सरकार को मनमानी नहीं करने देंगे। इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र के

विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक बताया है। इसेक साथ ही ममता बनर्जी ने कहा है कि, यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है। बंगाल के जिन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिये बुलाया गया है। उन तीनों की आईपीएस अफसरों को ममता ने भेजन से साफ इंकार कर दिया है। जिन तीन आईपीएस अधिकारों पर सरकार ने गाज गिराई है। उनका नाम राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे है। जिन तीन अधिकारियों पर केन्द्र सरकार ने गाज गिराई है। उनमें से भोलानाथ पांडे को 4 साल के लिए BPRD में एसपी पर के लिये तैनात किया गया है। प्रवीण कुमार त्रिपाठी को SSB में DIG  पद के लिये भेजा गया है। वहीं राजीव मिश्रा को ITBP में पांच साल के लिए आईजी के पद पर ट्रांसफर किया गया है। लेकिन ममता ने इन तीनों की अफसरों को भेजने से मना कर दिया है।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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