यूपी के आगरा में सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद सियासी पार चढ़ गया है। मृतक अरुण वाल्मीकि के परिजनों ने पुलिसवालों पर पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगाया है. उधर, विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया, विपक्षी हमले को देखते हुए योगी सरकार ने मुआवजे का एलान किया है। आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर मुकदमा दर्ज किया गया है।

चोरी के बाद शुरू हुआ विवाद
आगरा के जगदीशपुर थाने में चोरी की वारदात हुई, शनिवार की रात शातिर चोरों ने सेंध लगा दी और मालखाने का पिछले दरवाजे को खोलकर थाने में दस्तक दी। इसके बाद एक बॉक्स में रखे 25 लाख रुपये और सोना चुरा लिया। इसके बाद चोरी की एक और वारदात में चोर के पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ।

मालखाने में अस्त-व्यस्त था सामान
जब मालखाना प्रभारी ने रविवार की सुबह मालखाने का हाल देखा तो वहाँ चीजें बिखरी हुई थी। बक्से के लॉक टूटा हुआ था, ताले भी टूटे हुए थे, बॉक्स के अंदर रखा हुआ सोना चोरी हो चुका था। इस घटना की जानकारी जब पुलिस महकमे को लगी तो हड़कंप मच गया। थाने में चोरी की घटना ने सबको हैरान कर दिया।

SHO और 6 पुलिसकर्मी निलंबित
इस मामले के संज्ञान में आते हीं पुलिस की किरकिरी शुरू हो गई, तुरन्त पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया गया और ड्यूटी में कोताही बरतने वाले थाना प्रभारी अनूप कुमार तिवारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. सस्पेंशन की जानकारी खुद आगरा ज़ोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने दी। जिन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी, उनके नाम एसआई रामनिवास, आरक्षी जितेंद्र सिंह, सुखवीर सिंह, महिला सिपाही साजदा और हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह है.

हिरासत में लिया गया अरुण वाल्मीकि
चोरी की घटना के बाद फौरन पुलिस एक्शन में आई और मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी। इस मामले में जगदीशपुरा थाना पुलिस ने शक के आधार पर सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को भी हिरासत में ले लिया। इसके बाद अरुण वाल्मीकि की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उसकी हालत बेहद बिगड़ गई।

अरुण वाल्मीकि की मौत
हिरासत में लेकर पिटाई के बाद अरुण वाल्मीकि बुरी तरह बीमार पड़ गया। आगरा के SSP मुनिराज के अनुसार, “अरुण वाल्मीकि अचानक बीमार पड़ गया था. पुलिस फौरन उसे अस्पताल लेकर गई, मगर वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अरुण वाल्मीकि जगदीशपुरा थाने और उसके मालखाने में सफाई का काम करता था. इसीलिए शक के आधार पर शनिवार की रात मालखाने में हुई चोरी के आरोप में ही पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था.”

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विपक्ष के चौतरफा हमले से घिरी राज्य सरकार ने 10 लाख मुआवजे का ऐलान किया है। सत्ताधारी दल के नेता अरुण वाल्मीकि के घर पहुंचे और उन्हें 10 लाख रुपये का चेक सौंपा और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। उधर, पीड़ित परिवार का कहना है कि 10 लाख देकर उनको शांत रहने के लिए कहा गया है। उधर, अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा के एमएलसी दिलीप यादव और पार्टी के कई बड़े नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की और 50 लाख मुआवजे की मांग की।

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