कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है। राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक पुख्ता इंतजाम करने में लगी हुई है। वहीं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस संस्करण भारत में कोविड -19 मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि नहीं कर पाएगा। इससे पहले 19 जुलाई को, भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा था कि वर्तमान में किसी भी नए डेल्टा उप-वंश का कोई सबूत नहीं है जो डेल्टा से अधिक चिंता का विषय है।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने कोरोना महामारी से निपटने के इंतजामों के बारे में बात करते हुए कहा कि हर जिले के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है। साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि म्यूटेंट के बाद कोई वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है और उसकी संक्रमण दर कितनी है।वहीं तीसरी लहर के बारे में बात करते हुए कहा कि-कोरोना की तीसरी लहर की संभावना कम है क्योंकि अप्रैल से लेकर अभी तक 86 डेल्टा प्लस वेरिएंट सैंपल में वहीं वेरिएंट मिला है जो पूरे देश में फैला है। महाराष्ट्र में अब तक 45 मामलों में सबसे अधिक डेल्टा प्लस COVID-19 मामलों का पता चला है, जिसमें मुंबई में छह और पुणे में तीन शामिल हैं। इनमें से अब तक एक मरीज की मौत हो चुकी है।

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वहीं महामारी से लड़ने के लिए तैयारियों के लेकर उन्होंने कहा देश में 277 सेंटिनल साइटस बनाए गए हैं। ये साइटस 2-3 जिलों के सैंपल्स को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजेंगी और नये म्यूटेंट पर नजर बनाए रखेगी। हर साइटस 15 सैंपल को हर हफ्ते भेज सकेगी। इससे हर जिले में नये वेरिएंट का पता लगाने में आसानी होगी। साथ ही किस जिले में कौन सा वेरिएंट पैर पसार रहा है इसपर भी नजर रखी जाएगी

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