आज शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा हडूप एवं उसकी उपयोगिता पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के शिक्षक अभिनव पाठक ने वेबीनार के विषय के बारे में बताते हुए बताया कि इस डिजिटल युग में डाटा की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, हमारे व्यक्तिगत डाटा हो, एप्लीकेशन द्वारा तैयार किया गया डाटा हो, स्टैटिसटिकल डाटा हो या किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी का डाटा हो हर प्रकार के डाटा का अपना एक अलग महत्व होता है और इस डाटा का महत्व किसी व्यक्ति या कंपनी तक सीमित नहीं है बल्कि यह मार्केट की स्थिति को बदलने में भी सक्षम है । इसी प्रकार विभिन्न स्रोतों से प्राप्त यह डाटा एक विशाल रूप ले लेता है जोकि बिग डाटा कहलाता है इस बढ़ते जा रहे डाटा के विशाल आकार का रखरखाव करना डाटा की प्रोसेसिंग करना और उसको एनालाइज करना एक आवश्यक प्रक्रिया होती है और इसी प्रक्रिया के लिए हडूप ओपन सोर्स फ्रेमवर्क टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है ।

वेबीनार में विशिष्ट वक्ता डॉ अनिल अहलावत ने बताया की हडूप एक विकसित तकनीक है और जिस प्रकार हमारी टेक्नॉलॉजी बहुत तेजी से बढ़ रही है उस को ध्यान में रखते हुए हडूप प्रोफेशनल की डिमांड भी इंडस्ट्री में बढ़ रही है । परंतु अभी भी भारत में हडूप प्रोफेशनल्स की कमी है शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के डीन डॉ तरुण शर्मा ने बताया की हडूप प्रोफेशनल्स की कमी को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इस टेक्नोलॉजी को सीख कर बेहतर भविष्य निर्माण कर सकते हैं और अपना खुद का व्यवसाय भी स्टार्ट कर सकते हैं । डॉ नीरज सिंघल ने हडूप ओपन सोर्स फ्रेमवर्क के उपयोग और प्रयोग को विस्तार पूर्वक छात्रों को बताया ।

डॉ ममता बंसल ने हडूप की उपयोगिता के बारे में छात्रों को विस्तार पूर्वक बताया । इस वेबीनार में अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक एवं छात्रों ने सहभागिता की और विभिन्न प्रकार के हडूप से जुड़े सवाल वक्ताओं से पूछे इसके अलावा वेबीनार में एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित अन्य वक्ताओं डॉ कृष्ण सिंह, डॉ वीरेंद्र कुमार शर्मा, डॉ मधु शर्मा, डॉ निधि त्यागी, डाटा एनालिस्ट एवं प्रोजेक्ट मैनेजर आनंद कुमार पांडे द्वारा हडूप ओपन सोर्स फ्रेमवर्क पर बोलते हुए कहा कि ऐसा कोई उद्योग नहीं है जहां हडूप नहीं पहुंचा है।

हडूप ने स्वास्थ्य सेवा, खुदरा, सरकार, बैंकिंग, मीडिया, परिवहन, प्राकृतिक संसाधनों आदि जैसे लगभग सभी डोमेन को कवर किया है । वक्ताओं ने शोभित विश्वविद्यालय में स्थापित हडूप लैब की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की लहर हर शिक्षण संस्थान में होनी आवश्यक है । वेबीनार को सफल बनाने में डॉ ममता बंसल, विजय माहेश्वरी, राजेश पांडे,मृदुल वैश्य, शिवेंद्र गोयल, निशांत पाठक, राजीव कुमार एवं अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्रों का विशेष योगदान रहा ।

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