आज किसान आंदोलन का 22 वां दिन है। किसान देश की राजधानी दिल्ली में कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा से आये भारी संख्या में किसान 22वें दिन भी अपनी मांगों को लेकर कृषि कानून के प्रति विरोध जता रहे हैं। किसान इस विरोध आंदोलन के जरिये तीनों नए कानूनों को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान ये आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्यूंकि उनका केंद्र सरकार पर आरोप है कि इस कानून से उनकी आय में कमी हो जाएगी और ज्यादातर नियंत्रण बड़े उद्योगपतियों के हाथों में चला जाएगा। जहां बढ़ते दिनों के साथ ये आंदोलन थंमने का नाम नहीं ले रहा तो वहीं इस बीच सिंघु बार्डर पर किसानों का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह ने कल खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली । रामसिंह करनाल के पास नानकसर गुरुद्वारा साहिब से थे। संत बाबा राम सिंह ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि – किसानों का दुख देखा, अपने हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। दिल बहुत दुखी हुआ, सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया… कईयों ने सम्मान वापस किए, पुरस्कार वापस करके रोष जताया…..यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और मजदूर किसान के हक में आवाज है।

संत बाबा राम सिंह की खुदकुशी पर कई नेताओं का गुस्सा सोशल मीडिया पर झलक कर सामने आ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि- करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि। कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है। ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि – संत बाबा राम सिंह जी की आत्महत्या की ख़बर बेहद पीड़ादाई है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं। हमारा किसान अपना हक़ ही तो मांग रहा है, सरकार को किसानों की आवाज़ सुननी चाहिए और तीनो काले कानून वापस लेने चाहिए।

Share.
Exit mobile version