पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों में हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। इतनी कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान अपनी मांगो को लेकर टस से मस नहीं हो रहे हैं। आंदोलन के दौरान पैदा हुई स्थिति जैसी की तैसी ही बनी हुई है। इस मुद्दे के संबंध में आज सरकार और किसान संगठनों के बीच लगभग पांच घंटे की लंबी बैठक चली। इस बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपनी तरफ से बयान जारी कर बताया कि – किसानों के साथ चार में से 2 मुद्दों पर सहमति बनी है। पराली और बिजली बिल को लेकर किसान संगठनों की मांगें मान ली गई है और अब अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी की दोपहर 2 बजे बुलाई गई है।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आएगी कहा कि – किसानों की बिजली को लेकर यह मांग थी कि सिंचाई के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो सब्सिडी दी जाती है वह आगे भी जारी रहे। तो किसानों की इन मांगो को मान लिया गया है। इसके साथ ही, पराली को लेकर भी किसानों की मांगें मानी गई है। एजेंडे में से पचास प्रतिशत चीजों पर सहमति बन गई है। दोनों पक्षों के बीच अच्छे माहौल में बातचीत हुई। किसान संगठन दो नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार की तरफ से यह पहले ही कहा जाता रहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी। किसानों ने आंदोलन के दौरान पर्याप्त अनुशानस बनाए रखा, इस बात की मुझे खुशी है। लेकिन, एक बार फिर से किसानों से इस बात के लिए अपील की गयी है कि दिल्ली की कड़ाके की ठंड को देखते हुए आंदोलन में बैठे महिलाओं और बुजुर्गों को घर भेज दिया जाये।

Share.
Exit mobile version