कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है। एक तरफ जहां संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है तो दूसरी तरफ इस महामारी की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना को लेकर पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन अभी तक इस महामारी की वैक्सीन बाजार में नही आ सकी है। जानकारों की माने तो कोरोना सीधे मरीज के फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसलिए गंभीर मरीजों को सांस लेने के लिए वेंटिलेटर पर रखा जाता है। यही वजह है की समय पर वेंटिलेटर ना मिल पाने या फिर देरी होने की वजह से कोरोना मरीजों की ज्यादा संख्या में जान जा रही है। हालांकि इससे निजात पाने के लिए नई जानकारी सामने आई है।

कोरोना के इलाज में नई तकनीक बहुत कारगर साबित हो रही है। बताया जा रही है कि एक्मो नामक तकनीक से कोरोना संक्रमित मरीजों को बहुत फायदा मिल सकता है। दरसल मेडिकल जर्नल लैंसेट में एशिया, अमेरिका, यूरोप औऱ ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में शोध के बाद ये नतीजे प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए गए हैं। इसके तहत कोरोना (covid 19)  के मरीजों की जान बचने की एक नई उम्मीद जगी है। मिली जानकारी के अनुसार इससे अब तक हजारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है।

दरसल मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए एक्मा बहुत कारगर है। कोरोना के गंभीर मरीजों को बचाने के लिए वेंटिलेटर या अन्य जीवन रक्षक प्रणाली भी जब फेल हो गए तब भी यह तकनीक बहुत कारगर साबित हुई। शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद मिली, जिससे संक्रमित गंभीर मरीजों की मृत्यु दर में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है

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