13 दिसंबर 2001 का वो मनहूस दिन कौन भूल सकता है? जब पाकिस्तान की तरफ से भेजे गये आतंकियों ने लोकतंत्र के मंदिर पर गोलियां बरसाते हुए खून बहाया था। आज भले ही इस घटना को घटे हुए 19 साल हो गये हों। लेकिन इस काले दिन को हिन्दुस्तान कभी नहीं भूल सकता है।संसद भवन की हमले की बरसी पर पीएम मोदी ने भी कुछ ऐसा ही कहा, पीएम मोदी ने हमले में शहीद हुए सभी लोगों को श्र्धांजली देते हुए कहा कि, हमले में शहीद हुए लोगों के बलिदान और वीरता को देश कभी नहीं भूलेगा। इसके साथ ही पीएम मोजदी ने इस घटना को कायरतापूर्ण घटना बताते हुए कहा कि, 2001 में इस दिन अपनी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को हम कभी नहीं भूलेंगे। जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्र्धांजली दी।


आपको बता दें, आज ही के दिन जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने संसद पर हमला किया था। जिसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए थे। इसके साथ ही सभी आतंकियों को भारतीय वीरों ने मौत के घाट उतार दिया था और एक आतंकी अफजल गुरू को जिंदा भी पकड़ा था। जिसके बाद अफजल गुरू ने इस हमले को लेकर कई सारे खुलासे भी किये थे।जिस दिन आतंकियों ने संसद पर हमाल किया था। उस दिन संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था। इसके साथ ही संसद में सैकड़ों सांसदों समेत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी भी संसद में मौजूद थीं। आतंकियों का मकसद ही था कि, देश चलाने वाले सभी लोगों को मारना ।जिसकी वजह से उन्होने इस घटना को अंजाम दिया था।इस घटना के इकलौते जिंदा पकड़े गये आतंकी अफजल गुरू को 9 फरवरी 2009 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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