अगर आप ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो अब इलेक्ट्रॉनिक चालान या ई-चालान अब से केवल 15 दिनों में आपके घर पहुंच जाएगा। साथ ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रूप से उसे रिकॉर्ड भी किया जाएगा।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने यातायात उल्लंघनों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और नियमों के परिवर्तन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन किया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरणों में स्पीड कैमरा, क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर), वेट-इन मशीन (डब्ल्यूआईएम) और ऐसी कोई अन्य तकनीक शामिल है। मंत्रालय ने राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को जरूरी तकनीकी चीजें लगाने का निर्देश जारी किया है।
राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उपकरणों को सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और प्रमुख शहरों में अन्य महत्वपूर्ण सड़कों पर ज्यादा-जोखिम या उच्च-घनत्व वाले पैच पर रखा जाए, जहां की आबादी दस लाख से ज्यादा है। मंत्रालय ने ये कदम देश भर में यातायात उल्लंघनों की संख्या को कम करने और ये सुनिश्चित करने के लिए है कि कानून सही तरीके से काम कर रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा अपराध की सूचना अपराध की घटना के पंद्रह दिनों के अंदर भी भेजी जानी चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को चालान के निपटान तक संभाल कर रखना है।
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गौरतलब है कि दिल्ली समेत कई शहरों में ई-चालान सिस्टम पहले से मौजूद है, जहां ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन के मालिक को नोटिस भेजा जाता है। मंत्रालय अब अपराध को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी वियरेबल कैमरा या डैशबोर्ड कैमरों जैसे उपकरणों की मदद से दायरे को और अधिक स्थानों तक बढ़ाने और इसे और अधिक प्रभावी बनाने का काम कर रहा है। शहरों में ट्रैफिक रुल्स को और मजबूत और सख्त कर रहा है।