भारत में अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने सोमवार को दावा किया कि दूतावास का आधिकारिक ट्विटर हैंडल हैक हो गया है। जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करके बताया कि  हमने  @AfghanistanInIN के ट्विटर हैंडल तक पहुंच खो दी है एक दोस्त ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भेजा। (यह ट्वीट मुझसे छिपा हुआ है।) मैंने लॉग इन करने की कोशिश की है, लेकिन एक्सेस नहीं कर पा रहा हूं।

आजाद के ट्वीट से ठीक पहले आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राष्ट्रपति अशरफ गनी के नाम एक पोस्ट शेयर किया गया। जिसमें उनके देश छोड़ भाग जाने और रक्तपात को लेकर खरी-खोटी सुनाई गई थी। ट्वीट में कहा गया-हम सभी दीवार में अपना सिर पीट रहे हैं। अशरफ गनी अपने गुंडों के साथ भाग गया है। उसने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। हम सभी से माफी मांगते हैं कि हमने इतने घटिया आदमी की सेवा की। अल्लाह ऐसे गद्दार को सजा दे।उसकी विरासत हमारे इतिहास पर धब्बा होगी। बता दें कि रविवार देर शाम अशरफ गनी अपने पद से हटकर देश छोड़कर भाग गए। तालिबान ने रविवार तड़के अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एंट्री कर सत्ता अपने हाथ ले ली है।

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अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपनी अशरफ गनी ने फेसबुक पर अपना पहला पोस्ट किया और देश छोड़ने की वजह पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि “सशस्त्र तालिबान” या “प्रिय देश को छोड़ने” के बीच एक “कठिन विकल्प” का सामना करना पड़ा कि मैंने पिछले 20 वर्षों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।उन्होंने कहा कि खून की नदियां बहने से बचाने के लिए मैंने सोचा कि देश से बाहर जाना ही ठीक है। तालिबान ने तलवार और बंदूकों के दम पर जीत हासिल की है और अब वे देशवासियों के सम्मान, धन और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे। इतिहास ने ऐसी शक्तियों को कभी नहीं अपनाया है।

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