कानपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका अब न के बराबर रह गई है। इसके पीछे की वजह उन्होंने वैक्सीनेशन को बताया है। इस स्टडी को उन्होंने गणितीय सूत्र मॉडल को आधार बनाकर जारी किया है।

अक्टूबर में कोरोना का खतरा
पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की बात करें तो अक्टूबर तक ऐसे मामले 15 हजार रहेंगे। ऐसा दावा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, असम, अरुणाचल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पहले भी मणीन्द्र अग्रवाल ने दूसरी लहर को लेकर सरकार को अलर्ट किया था, तब उनके दावे बिल्कुल सही पाए गए थे।

स्टडी में बड़ा दावा
पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अक्टूबर तक की अपनी स्टडी को जारी कर दावा किया कि, तीसरी लहर की आशंका लगभग शून्य के बराबर है। हालांकि अक्तूबर तक उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस इकाई अंक तक जाने की उम्मीद है।

वैक्सीनेशन का मिला फायदा
स्टडी के अनुसार लॉकडाउन और वैक्सीनेशन का काफी फायदा मिला है। दूसरी लहर के बाद ज्यादातर लोगों में हर्ड इम्युनिटी बन गई है। इसके साथ हीं तेजी से चल रहे टीका अभियान का प्रभाव भी महामारी को रोकने में क़ामयाबी दिलाएगा।

डरे हुए थे वैज्ञानिक
इससे पहले कोरोना की तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिक शसंकित थे। कई तरह के दावे किए जा रहे थे। हालांकि प्रो. अग्रवाल दूसरी लहर के बाद से हीं कहने लगे थे कि, तीसरी लहर का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन होतो तीसरी लहर का कोई डर नहीं है।

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प्रो. अग्रवाल के ये दावे सही साबित हुए हैं
कोरोना गांव में ज्यादा नहीं फैलेगा
चुनाव और कुंभ का कोरोनसे कोई लेना-देना नही
लॉकडाउन लग जाने पर केसेज कम होंगे
दुसरी लहर का पिक
मई में दूसरी लहर कमजोर होने की संभावना

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