यूपी में बेकाबू होते कोरोना पर लगाम लगाना सरकार के बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। अब तो प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद कोरोना की चपेट में आ गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और अब वह सेल्फ आइसोलेशन में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पहले उनके स्टाफ के कई सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। योगी के सहयोगियों की बात करें तो- राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव वित्त संजय कुमार और विशेष सचिव समेत इसी विभाग के लगभग 20 लोग कोरोना की चपेट में हैं। साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव BL मीना और ACS नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, मुख्यमंत्री के ACS एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा, ACS उच्च शिक्षा आराधना शुक्ला, रिटायर्ड IAS प्रदीप शुक्ला, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद नागरिक आपूर्ति वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, विशेष सचिव प्रशांत शर्मा, मुख्य सचिव के स्टाफ अफसर अमृत त्रिपाठी, विशेष सचिव नियुक्ति संजय सिंह, विशेष सचिव नियुक्ति धनन्जय शुक्ला और हमीरपुर समेत 3 जिलों के DM कोरोना संक्रमित हैं।

सेल्फ आइसोलेशन में CM योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर जानकारी दी कि शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड की जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं सेल्फ आइसोलेशन में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूर्णतः पालन कर रहा हूं। यूपी सीएम ने लिखा कि सभी कार्य वर्चुअली संपादित कर रहा हूं। प्रदेश सरकार की सभी गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं. इस बीच जो लोग भी मेरे संपर्क में आएं हैं वह अपनी जांच अवश्य करा लें और एहतियात बरतें।

यूपी में कोरोना अपने विकराल रूप में आ चुका है। यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कोरोना को लेकर अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए हैं कि हर हाल में प्रदेश में एल 2 और एल 3 स्तर के बेडों की संख्या में जल्द से जल्द इजाफा किया जाए। यदि निजी संस्थान इस महामारी में असहयोग कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्यवाही करें। इसके अलावा उन्होंने एमबीबीएस के चौथे और पांचवें साल के छात्रों की परीक्षाएं निरस्त होने के कारण इनकी ड्यूटी हास्पिटल में लगाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने बुधवार सुबह सरकारी आवास से कोरोना के प्रभावी रोकथाम को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ वर्चुअली समीक्षा बैठक की। सीएम योगी ने बेड बढ़ाने के लिए सरकारी संस्थानों, निजी मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य विकल्पों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए केजीएमयू में 5500 से 1100 और राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 5000 से एक हजार करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में आगरा, बरेली और नोएडा में संचालित केंद्रीय संस्थाओं की लैब में 12 सौ जांचें रोजाना होती थीं। सीएम योगी ने इनका भी उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।

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