वैसे तो बलात्कार जैसे हादसे भुलाये नहीं भूलते और ऐसे भयानक दर्दनाक हादसे कभी भुलाये भी नहीं जाते। (16 December 2012 NIRBHAYA 2012 Delhi gang rape and murder ), (22 August 2013,Shakti Mills gang rape) (27 May 2014 , Badaun gang rape (A gang rape and murder of two teenage girls)) (4 June 2017, Unnao rape case) इस बीच और भी बलात्कार हुए थे। मुझे लगा कि शायद अब तो इन दिल दहला देने वाले हादसों पर रोक लगेगी, लेकिन में गलत थी क्यूंकि अभी तो 14 सितंबर 2020 का काला दिन आना बाकी था (14 September Gang-rape of a Dalit Girl in UP’s Hathras)। 14 सितंबर 2020 को बलात्कार की एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना हुई कि सबके दिलों दिमाग में 16 दिसंबर 2012 का वो दर्दनाक हादसा एक बार फिर से ताजा हो गया।

पहले तो चार दरिंदों ने 19 साल की मनीषा का बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया। उसके बाद भी हवस की आग शांत नहीं हुई तो मनीष की रीड़ की हड्डी तोड़ दी गयी और गर्दन मोड़ दी गयी। लेकिन, गज़ब की बात तो ये है कि दरिंदों की क्रूरता की कोई सीमा ही नहीं थी उन्होंने मनीषा की जीभ तक काट डाली। उसके बाद यूपी पुलिस ने उन चारों को गिरफ्तार तो कर लिया पर इसके साथ ही मीडिया को एक गज़ब का बयान दिया कि मनीषा के साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ, बल्कि उसके ऊपर एक युवक ने हमला किया जिसके कारण मनीषा की ये हालत हुई और मनीषा अपनी ज़िन्दगी की जंग हार गयी। गज़ब की लीपा पोती है हमारे देश के रक्षकों की। लीपा पोती का सिलसिला यहीं नहीं रुका, यूपी पुलिस ने आनन फानन में परिवार वालों की बिना रजामंदी के मनीषा का अंतिम संस्कार आधी रात को कर दिया। मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर पुलिस ने कुछ भी जवाब देने से इंकार कर दिया। देश भर में एक बार फिर से गुस्से की ज्वालामुखी फूट गयी। जिसके बाद हमेशा की तरह राजनेताओं द्वारा सहानुभूति प्रकट की गयी और एक बलात्कार के बदले में मुआवज़ें का एलान किया गया। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहानुभूति प्रकट करते हुए ट्वीट किया कि – हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे.. प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है.. यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा.. त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता मनीषा के परिवार से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बात की। इस बीच सीएम योगी ने एलान किया है कि पीड़ित के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी, एक सरकारी मकान और फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस की सुनवाई की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम मामले की जांच करेगी। एसआईटी में दलित और महिला अधिकारी भी शामिल हैं।

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