UP MLC election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के बाद अब विधान परिषद चुनाव को लेकर सियासत अपने चरम पर है। राज्यसभा में यूपी कोटे से भाजपा के 8 और सपा के 3 सदस्यों का निर्विरोध चुनाव किया जाना है, लेकिन असल लड़ाई तो अब 20 जून को होने वाली 13 एमएलसी सीटों के लिए है। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी और कपिल सिब्बल को सपा के कोटे से राज्यसभा भेजने के बाद अखिलेश यादव पर सहयोगी दल और दूसरे पार्टियों से आए नेताओं का दबाव बढ़ते ही जा रहा है।

अखिलेश पाए बढ़ता दबाव
सपा कोटे से एमएलसी बनने के लिए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर इमरान मसूद और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के बेटे तक दावेदारी के लिए लाइन में हैं। वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव के करीबी सुनील साजन से लेकर संजय लाठर और उदयवीर जैसे और भी कई नेता एमएलसी बनने की लाइन में हैं। इस तरह एमएलसी चुनाव में सपा की हालत एक अनार सौ बीमार वाली बनी हुई है। ऐसे में देखना है कि अखिलेश यादव एमएलसी चुनाव में क्या राज्यसभा की तरह ही फॉर्मूला आजमाएंगे या फिर कोई नया सियासी दांव चलने वाले हैं?

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उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सीटें है, जिनमें से विधानसभा कोटे के 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल छह जुलाई को समाप्त होने वाला है। ऐसे में इन 13 एमएलसी सीटों पर 20 जून को चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए नामांकन 2 से 9 जून तक दाखिल किए जाएंगे। 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 13 जून तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे। इस तरह 20 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना की जाएगी। इस तरह नतीजे 20 जून को घोषित किए जाएंगे।

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