Uttar Pradesh: जुमे की नमाज के बाद 3 जून और 10 जून को कई जिलों में हिंसा भड़कने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार शुक्रवार की नमाज से पहले अलर्ट पर है। कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिहाज से करीब 24 जिलों को अति संवेदनशील के रूप में चिन्‍हित किया गया है।

इस सूची में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, मऊ, संभल, मेरठ, अंबेडकर नगर, बहराइच, अयोध्या, गोंडा और सहारनपुर शामिल हैं। जुमे की नमाज के दौरान और बाद में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन जिलों में आरएएफ और पीएसी की अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि बातचीत के माध्यम से अधिक से अधिक और निरंतर आउटरीच और जुड़ाव, खासकर युवाओं पर जोर दिया जा रहा है।

डीजीपी ने 17 जून से पहले सभी जिला पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश जारी किए हैं। इसमें पूर्व में सार्वजनिक विरोध के दौरान कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के लिए बुक किए गए लोगों की सूची तैयार करना, विशेष रूप से सीसीए विरोधी आंदोलन और उन गतिविधियों पर नजर रखना शामिल है। आदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके फ्रंटल संगठनों के सदस्यों की पहचान करने और इन व्यक्तियों के खिलाफ निवारक कार्रवाई करने और उनके आपराधिक इतिहास की जाँच करने का भी उल्लेख है।

प्रशांत कुमार ने कहा कि बातचीत के माध्यम से अधिक से अधिक और निरंतर आउटरीच और जुड़ाव, विशेष रूप से युवाओं पर भी जोर दिया गया। एडीजी ने कहा, “सोशल मीडिया पर लगातार नजर रहेगी। पुलिस प्रतिक्रिया वाहन तैनात किए जाएंगे जबकि संवेदनशील इलाकों में सघन पैदल गश्त की जाएगी।”

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उन्होंने कहा कि सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल, ग्राउंड लेवल पर ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबलों को स्थिति को खराब करने से रोकने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “समुदायों के बीच सौहार्द्र दिखाने वाली स्टोरीज को साझा किया जाना चाहिए।”

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