अलीगढ़ के सत्य प्रकाश ने अपनी पत्नी रुक्मणी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा तालाब बनाया है। सत्य प्रकाश अलीगढ़ ज्वालापुरी में रहने वाले हैं। वह करीब 6 माह 23 तारीख को बनाने में लगे हुए हैं। यह तालाब 30 किलो की चाबी से खुलने वाला है। इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा। दो लाख वाले इस ताले पर राम दरबार की आकृति भी उकेरी गई है।

अलीगढ़ निवासी सत्यप्रकाश का कहना है कि इसका वजन 400 किलो है और लंबाई 10 फीट की है। इसकी चौड़ाई साढ़े चार फीट की है। इस ताले की चाबी 30 किलो की है। इस साले को बनाने में 2 लाखों रुपए का खर्च आया है। अभी इसको 1 लाखों रुपए में तैयार किया गया। मंदिर में देने से पहले सत्यप्रकाश इसमें पीतल का काम करेंगे। इससे पहले उन्होंने 300 किलो का ताला बनाया था जिसकी खूब चर्चा भी हुई थी।

सत्य प्रकाश का कहना है कि इस ताले को अयोध्या भेजने से पहले कई बदलाव भी किए जाएंगे। बक्स लीवर हुडका को पीतल में तैयार किया जाएगा। इसके अलावा ताले पर स्टील की ग्राफ शीट लगाई जाएगी ताकि इसमें जंग लगने से बचा जा सके। इन सब काम को करने के लिए उन्हें अब पैसों की जरूरत है वह मदद के लिए लोगों से कह रहे हैं ताकि ताले पर परत चढ़ाने के लिए सहायता मिले।

सत्य प्रकाश का कहना है कि ताला बनाने की प्रेरणा उनके घर से विरासत में प्राप्त हुई है। उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है उन्होंने इससे पहले 300 किलो का ताला बनाकर अपनी पहचान बनाई। अब उन्होंने राम मंदिर के लिए 400 किलो का ताला बनाया है। जो अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका कहना है कि कारोबार क्षेत्र में पहचान बना ली है अब इस कारोबार को नई पीढ़ी उड़ान देगी।

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उन्होंने अपनी पहचान को कायम रखने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला तैयार किया है। 6 इंच मोटाई का यह ताला पूरे लोहे का है जिसके लिए दो चाबी तैयार की गई है। अब उन्हें इस कला को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है उसके लिए उन्होंने व्यास से पैसा लेकर काम किया है।

सत्य प्रकाश की पत्नी रुक्मणी ने भी दुनिया के सबसे बड़ा ताला बनाने में सहयोग किया। उन्होंने इसकी खूबियों का बखान किया उनका कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का अद्भुत मंदिर बन रहा है। वहां पर यह ताला होगा तो अच्छा रहेगा इसलिए इसे भगवान को भेंट किया जाएगा।

इस ताले में आगे के काम के लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखा है और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। अब सत्यप्रकाश उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसे गिनीज बुक के रिकॉर्ड में दर्ज कराना चाहिए।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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