Uttarakhand: स्कूली शिक्षा में उत्तराखंड राज्य एक बार फिर से पीछे रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से परफॉर्मेंस ग्राइंडिंग इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य 35वें स्थान पर है। पीजीआई की 2020-21 की रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य को 1000 अंकों में से 719 अंक प्राप्त हुए हैं। जबकि इसमें पीछे रहने वाले राज्य मेघालय और अरुणाचल प्रदेश है। साल 2017-18 में उत्तराखंड राज्य को 704 अंक प्राप्त हुए थे। इसके बाद 2018-19 में 712 अंक प्राप्त हुए। वहीं साल 2019-20 में 719 अंक प्राप्त हुए हैं।
70 मानकों की स्कूली शिक्षा
पीजीआई की इस रिपोर्ट को 70 मानको और 5 डोमेन वाली दो प्रमुख श्रेणियों के आधार पर तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट में 70 मानको में कुल 1000 अंक शामिल है और इनको दो श्रेणियों में बांटा जाता है। इन श्रेणियों में आगे 5 डोमेन में विभाजित किया जाता हैं। इनमें डोमेन-1 में लर्निंग आउटकम क्वालिटी के लिए 9 मानको में 180 अंक प्राप्त होते हैं। जबकि डोमेन-2 में एक्सस के 8 मैचों में 180 अंक प्राप्त होते हैं। इसके अलावा दूसरी श्रेणी में सुशासन और प्रबंधन में 26 मानको में 360 अंको को शामिल किया गया है और इस श्रेणी में उत्तराखंड राज्य को सबसे कम अंक प्राप्त हुए हैं।
पहले स्थान पर केरल, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी सूची के मुताबिक केरल, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य को 1000 अंकों में से 928 अंक प्राप्त हुए। इसके बाद 927 अंकों के साथ चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर है और जबकि गुजरात 903 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। पीजीआई रिपोर्ट में उत्तराखंड के खराब प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा में सारी व्यवस्था दुरुस्त है। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट की अनुपलब्धता के चलते पोर्टल पर अपडेट नहीं कर पाते। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुशासन और प्रबंधन के मामलों में एक रिपोर्ट में उत्तराखंड में बेहतर प्रदर्शन नहीं किया और इसकी वजह पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच ना होना है।
पोर्टल पर अपडेट की जाएगी जानकारी
बता दे कि केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय सारा डाटा पोर्टल से उठाता है। इस पोर्टल पर सारी जानकारी स्कूल द्वारा भरी जाती हैं, जिसमें बच्चों की परफॉर्मेंस से लेकर स्कूल में सभी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी आदि की जानकारी भरनी होती है। अब इंटरनेट की कमी से चलते बहुत से स्कूल के सभी जानकारी पोर्टल पर अपडेट नहीं कर पाते। अब शिक्षा विभाग ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है, जिसमें रियल टाइम डाटा भरा जाएगा। अब उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर को 23वें राज्य स्थापना दिवस की तैयारियों में जुटा हुआ है। अब स्कूली शिक्षा का गिरता स्तर शासन की कमी और सिस्टम के रवैया का परिणाम दिखाता है।
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