पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया। राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान लुढ़ककर 3.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि नए साल पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी और राजस्थान समेत उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में जबरदस्त शीतलहर चलने की आशंका है। यानि नए साल में भी ठंड से लोगों को कोई राहत नहीं मिलेग। दिल्ली में दो दिन धूप खिलने के बाद आज फिर मौसम बदला बदला रहा। कोहरे के साथ दिल्ली की सुबह की शुरुआत हुई और न्यूनतम तापमान करीब 3.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। कोहरे और ठंड से दिल्ली पहले ही परेशान थी अब शीतलहर ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। कड़ाके की ठंड से यूपी का भी बुरा हाल है। प्रयागराज और सहारनपुर में कोहरा छाया हुआ है। विजिबिलटी इतनी कम है कि दिन में भी लोगों को लाइट जलाकर वाहन चलाने पड़ रहे हैं।

कड़ाके की ठंड में नए साल का स्वागत

पंजाब में भी ठंड का कहर जारी है। लुधियाना में न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस, हलवारा में तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस और आदमपुर में 1.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वही बठिंडा, फरीदकोट, पटियाला और पठानकोट में भी रात बेहद ठंडी रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि नए साल तक अभी शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी ही नहीं ठंड से पहाड़ी इलाकों का भी बुरा हाल है। यहां लगातार हो रही बर्फबारी से सब कुछ जम रहा है। वही शीतलहर ने लोगों को और कपकपा दिया है। जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय इलाकों के साथ-साथ श्रीनगर समेत कई निचले इलाकों में भी बर्फबारी जारी है वही जम्मू समेत मैदानी इलाकों में दिनभर कोहरा छाया रहा है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान भी कश्मीर के कई स्थानों पर बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। उत्तराखंड में भी कई इलाकों में तापमान शून्य डिग्री के आसपास बना हुआ है।

सर्दी का फसलों पर असर

मौसम विभाग की आशंका है कि नए साल में 2 से 4 जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी रह सकता है। इसके चलते न्यूनतम और अधिकतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। वही हल्की बारिश भी हो सकती है। पश्चिमी हिमालय से सर्द और शुष्क हवाएं मैदानी इलाकों की तरफ आ रही है। जिससे उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है। सर्दी का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। खासकर सब्जी की फसल कोहरे और पाले से प्रभावित हो रही है। आलू, मटर, टमाटर की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि गेहूं और गन्ने की फसल को अभी नुकसान नहीं है।

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