दिल्ली में रहने वाले लोगों को डबल परेशानी झेलनी पड़ रही है। दिल्ली में तो वीकेंड कर्फ्यू है ही, नोएडा में भी नाइट कर्फ्यू और रविवार को साप्ताहिक लॉकडाउन लागू है। जिन्हें दिल्ली, नोएडा दोनों जगह काम है उन्हें ज्यादा परेशान का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में बस, ट्रेन यात्री के साथ अस्पतालों में इलाज करा रहे लोग भी परेशान हैं। दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू ने लोगों पर कई तरह की पाबंदी लगा दी है। पांच, छह दिन काम के बाद लोग रविवार को परिवार के साथ दोस्तों, बाजारों, रेस्तरां, लॉन्ग ड्राइव पर जाते थे। मगर दिल्ली-एनसीआर में हालत बुरी है। शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक के लॉकडाउन ने सब कुछ पर ब्रेक लगा दिया है।  

सावधानी ही बचाव का कारण है

दिल्ली से नोएडा या गाजियाबाद जाना हो तो आपके पास ठोस कारण होना जरूरी है नहीं तो सीमा से वापस लौटा दिया जा रहा है। अस्पताल, बस अड्डा, ट्रेन, एयरपोर्ट जाने वालों को नहीं रोका जा रहा है। उनके लिए टिकट ही पास का काम करेगा। परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड उनके लिए पास का काम कर रहा है। आवश्यक सेवा का दिल्ली का पास नोएडा और गाजियाबाद में भी मान्य है। दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण काफी तेज रफ्तार से बढ़ा है। यहां 24 घंटे में करीब 25 हजार नये मामले सामने आए और करीब 170 लोगों की मौत हो गई।

दिल्ली के दिल की धड़कन बंद

वीकेंड कर्फ्यू पर दिल्ली के दिल कनाट प्लेस ने धड़कना बिल्कुल बंद कर दिया। यहां कबूतर तो खूब हैं मगर उन्हें खिलाने वाला कोई नहीं है।  हर व्यक्ति की चेकिंग की जी रही है। पास वालों को ही आगे जाने दिया जा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि केवल वीकेंड कर्फ्यू से कुछ नहीं होगा। पूरे देश में कम से कम सात दिन का लॉकडाउन लगाना जरूरी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना का डबल म्यूटेंट यूके स्ट्रेन पहले से भी तेजी से फैल रहा है। इस बार कोरोना की रफ्तार बढ़ाने में आम लोगों का भी कम योगदान नहीं है। वैक्सीन और घ रहे कोरोना के मामलों से वो लापरवाह हो गए थे।

लॉकडाउन पर प्रशासन सख्त

दिल्ली में करनाल के पास ग्रैंड ट्रंक बाइपास रोड पर जरूरी सामान के साथ ट्रकों और बसों का आना जाना जारी है। कार वालों से पुलिस पूछताछ कर रही है। वीकेंड कर्फ्यू पर 450 एफआईआर, ढाई हजार चालान और 150 गिरफ्तारी हो चुकी है। दिल्ली के आनंदविहार आईएसबीटी पर बस, ट्रेन से घर जाने वालों या आने वालों का तांता लगा हुआ है। दिल्ली में इलाज के लिए एम्स आए लोग बुरी तरह से फंस गए हैं। उन्हें एम्स के बाहर ही दिन-रात बितानी पड़ रही है। दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद सरकार तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। मगर अब बारी जनता की है। चार-छह महीने जो लापरवाही जनता ने दिखाई है उसे छोड़ कर सरकारी गाइडलाइन्स और समय-समय पर जारी निर्देश का पालन करते रहें ताकि कोरोना को हराने की जंग में उनका भी योगदान हो।

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