Importance of 108: हिंदू धर्म में धार्मिक चीजों का बड़ा महत्व होता हैं। अब हिंदू धर्म में ‘ओम्’ का उच्चारण और ”गायत्री मंत्र’ का उच्चारण बड़ा ही महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इनके उच्चारण से अंदरूनी शांति प्राप्त होती है। वहीं हिंदू धर्म में इसी तरह 108 अंक काफी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। मंत्रों का जाप या फिर रुद्राक्ष की माला में 108 अंकों के जाप को महत्वपूर्ण कहा गया है। यह केवल हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि जैन और बौद्ध धर्म में भी इसी संस्कृति में 108 अंक के महत्व के बारे में बताया गया हैं। आइए जानते हैं कि 108 अंक के पीछे क्या रहस्य छिपा हुआ है।

भगवान शिव में छिपा 108 अंको का रहस्य

108 अंक का महत्व भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव जब क्रोधित रूप धारण करते हैं तो तांडव करते हैं। तांडव एक अलौकिक नित्य है। इसमें 108 मुद्राएं होती हैं। जो तांडव करते समय 108 मुद्राएं की जाती है। पुराणों में भगवान शिव के 108 गुणों की भी व्याख्या की गई है।

गोपियों में छिपा 108 अंक का महत्व

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वृंदावन में कई गोपिया थी। लेकिन भगवान कृष्ण को 108 गोपिया सबसे अधिक प्रिय थी और इन्हीं गोपियों के इर्द-गिर्द ही भगवान कृष्ण का बचपन बीता था। श्री वैष्णव धर्म के तहत ही विष्णु जी के 108 दिव्य स्थानों का वर्णन किया गया हैं, जिसे दिव्यदेशम भी कहा गया है।

रुद्राक्ष की माला में 108 मनके

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिवजी के आंसुओं से हुई है। जब से शिवजी के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से ही किया जाता है तो उसमें 108 अंकों की संख्या होती है और इन्हीं मनको को गिन कर जाप किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्य शिवागो की संख्या भी 108 होती है। यही कारण है कि लिंगायत संप्रदाय में रुद्राक्ष की माला में 108 मनके बनाए जाते हैं।

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बौद्धिक धर्म में बताया रहस्य

बौद्ध धर्म में भी 108 अंक का विशेष महत्व है। जापानी संस्कृति बौद्ध धर्म के अनुयायी पुराने साल को अलविदा कहने और नववर्ष की आगमन के लिए 108 बार मंदिर की घंटियां बजाते हैं। बौद्ध धर्म की कई शाखाओं में यह माना गया है कि व्यक्ति के भीतर कुल 108 प्रकार की भावना जन्म लेती हैं।

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ज्योतिष शास्त्र में बताया महत्व

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो 108 अंक राशि और ग्रह नक्षत्रों में भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। क्योंकि राशियों की संख्या 12 होती है और इनमें 9 ग्रह होते हैं। 12 अंक को 9 से गुणा किया जाए तो 108 अंक प्राप्त होता है। इसी वजह से 108 की संख्या विशेष मानी गई है।

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