हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक अजीब सा फैसला संज्ञान में आया है। दरअसल कुल्लू जिले का यह मलाणा गांव एक स्थानीय देवता के द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इस पूरे गांव में किसी सरकार की नीति नहीं बल्कि देवता के आदेशों का पालन होता है। यहां की जनता भी इस स्थानीय देवता को पूरी श्रद्धा से मानती है। हाल फिलहाल यह गांव चर्चा में इसलिए है क्योंकि यहां पर एक नया नियम इस देवता के द्वारा लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार अब इस इलाके की परिधि में आने वाले क्षेत्र में कहीं भी शराब, मीट और अंडे की बिक्री नहीं होगी। स्थानीय देवता के अनुसार नाही इन चीजों की बिक्री अब गांव में होगी और ना ही गांव में रहने वाला कोई व्यक्ति इन चीजों का सेवन करेगा।

गांव में इस नियम से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर 11 सौ से लेकर 11 हजार तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान दिया गया है। इसके अलावा कोई व्यक्ति इन नियमों का सिलसिलेवार ढंग से यदि उल्लंघन करता जाता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा। इस पूरे नियम की जानकारी गांव में एक बोर्ड लगाकर दे दी गई है। इस नियम की जानकारी और वजह बताते हुए देवता ने कहा है कि “लोगों के शराब पीने व अंडा मीट खाने से देव संस्कृति अपवित्र हो रही है और लोग नशे की लत में डूबे रहते हैं इसलिए इस नियम का कड़ाई से पालन किया जाए।”

सरकार नहीं देश के आदेश है सर्वोपरि

जानकारी के लिए आपको बता दें कि मलाणा गांव में सरकार के आदेश जितने मान्य नहीं है। उससे ज्यादा देव के आदेश सर्वोपरि है। यही वजह है कि यहां पर देव के द्वारा बनाए गए नियमों का सर झुका कर स्वागत किया जाता है और पूरी श्रद्धा के साथ उनका पालन भी किया जाता है। हालांकि यदि लोग देव के बनाए गए इस नियम का पालन पूरी श्रद्धा से करते हैं, तो यह नियम समस्त देश के लिए एक मिसाल बन सकता है।

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