अगर आप भी विष्णु भगवान के भक्त हैं और उनमें गहरी आस्था रखते हैं, तो आपको बता दें कि बहुत जल्द फागुन कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी विजय एकादशी आने वाली है। इस बार एकादशी का व्रत 27 फरवरी यानी रविवार के दिन पड़ने वाला है। अगर आप भी विष्णु भगवान के उपासक है और उनमें गहरी श्रद्धा रखते हैं, तो आप इस व्रत को रख कर अपनी कामनाओं को पूरा कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु विजय एकादशी का व्रत रखता है। उसको अपने जीवन में व्याप्त तमाम विपत्तियों और परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। आज हम आपको इसी व्रत से संबंधित शुभ मुहूर्त और जरूरी जानकारियों से अवगत कराने आए हैं।

आखिर कब है पूजा और व्रत का मुहूर्त?

अगर आप भी व्रत के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस में है, तो हम आपको बता देते हैं कि पंचांग के अनुसार फागुन कृष्ण पक्ष की एकादशी  26 फरवरी सुबह 10:39 पर शुरू हो जाएगी। यह मुहूर्त 27 फरवरी सुबह 8:12 तक रहेगा, परंतु इस बीच अहम बात यह है कि एकादशी का यह पावन व्रत 27 फरवरी की तारीख को रखा जाएगा। जानकारों का ऐसा मानना है कि सर्वार्थसिद्धि योग में किए गए व्रत की बदौलत सिद्धि की प्राप्ति होती है और इस बार विजय एकादशी पर सर्वार्थसिद्धि का ही योग बन रहा है। इस बीच एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सर्वार्थसिद्धि योग के साथ-साथ त्रिपुष्कर योग भी बन रहे हैं।

कैसे करें विजय एकादशी का पूजन?

आपको बता दें कि यदि आप भी विष्णु भगवान के उपासक हैं और व्रत करने में गहरी आस्था रखते हैं, तो इसके पूजन के लिए सर्वप्रथम एक कलश पर भगवान श्री हरि की स्थापना करें। इसके बाद पूरी आस्था के साथ भगवान को पूजे। इस बीच ध्यान रहे कि अपने माथे पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाना ना भूलें। जिस प्रकार रोज पूजा होती है उसी प्रकार इस व्रत पर भी आपको पूजा करनी है। अच्छा रहेगा अगर आप इस दिन उपवास रखें और शाम के वक्त भगवान की आरती करें। व्रत जब संपन्न होगा, जब आप अगली सुबह कलश का और अन्य वस्त्रों का दान करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि इस व्रत के दौरान चावल और भारी खाद्य पदार्थ का सेवन करना मान्य नहीं है, सिर्फ यही नहीं अपने आचरण में भी शालीनता रखना अनिवार्य है।

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