नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकडों के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई ने स्टूडेंट्स की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए, इस साल होनी वाली परीक्षाओं में केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है। अगले 4 मई से होने वाली 10वीं और 12 वीं की बोर्ड परिक्षाओं के दौरान सोशल डिस्टेनसिंग के लिए 2,500 अतिरिक्त परीक्षा केंद्र रखे जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद परीक्षा रद्द करने पर विचार नहीं कर रहा है।


परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई:
इस साल सीबीएसई परीक्षा में 340,000 स्टूडेंट्स के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है। इसको लेकर सीबीएसई कंट्रोलर परीक्षाओं के अधिकारी सनम भारद्वाज ने कहा कि, “बोर्ड ने पिछले साल के 5,000 केंद्रों की तुलना में इस साल भारत और विदेश में लगभग 7,500 परीक्षा केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है. केंद्रों की संख्या बढ़ाने से अधिकारियों को अन्य कोविड -19 एहतियाती उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, हम परीक्षा केंद्रों पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए सभी कोविड -19 दिशानिर्देशों का पालन कर सकेंगे .”

सीबीएसई बोर्ड ने स्टूडेंट्स को ये सुविधा दी:
इससे पहले सीबीएसई ने यह घोषणा की थी, की अगर किसी स्टूडेंट के परिवार या फिर स्टूडेंट कोरोना संक्रमित हो जाता है और प्रक्टिकल परिक्षा में शामिल नही होता है तो उनके लिए स्कूल जून में दुबारा परीक्षा कंडक्ट करवाए। वहीं सीबीएसई ने पिछले महीने भी छात्रों को प्रैक्टिकल और लिखित परीक्षाओं के लिए केंद्र बदलने के लिए अपनी रिक्वेस्ट भेजने का एक आदेश जारी किया था।



दो पालियों में आयोजित की जाएंगी परीक्षा:
सीबीएसई ने इससे पहले कहा था कि कक्षा 12वीं की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएंगी। इसके तहत सुबह 10.30 बजे से 12.30/1.30 बजे तक और 2.30 बजे से  4.30 / 5.30 बजे तक छात्रों का एग्जाम होगा.

एग्जाम रदद् करने के लिए हस्ताक्षर:
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए, सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने की मांग भी तेज हो गई है। गुरुवार शाम तक 79,000 छात्रों ने एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए, इस याचिका में मांग की गई है कि सीबीएसई परीक्षा को रद्द कर दिया जाए।

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