GLA University: शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहां पर मैकेनिकल की मशीनें या उपकरण का इस्तेमाल न किया जाए। मैकेनिकल के छात्रों को आसानी से प्लेसमेंट मिलने की संभावना अधिक रहती है। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा अपने विद्यार्थियों को रोजगार देने के लिए कंपनियों से संपर्क साधकर मांग के अनुरूप विशेष तैयारी कराता है। हालांकि यहां विद्यार्थी को शुरुआती दौर से ही रोजगारपरक शिक्षा प्रदान की जाती है। इसी का परिणाम है कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सत्र 2021-22 के 86 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को 70 से अधिक कंपनियों में रोजगार मिल चुका है।

शैक्षणिक सत्र 2021-22 के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को रोजगार देने में कोर कंपनियों का दबदबा रहा है। 60 से अधिक कोर कंपनी सहित 70 कंपनियों (जिनमें टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, अडानी ग्रुप, सीमेंस, होण्डा, टाइमेक्स गु्रप, मदर्सन ऑटोमोटिव, सिंडा, विंडमोलर, यूनो मिंडा, पदमिनी वीएनए मैकाट्रोनिक्स, सोकोमेक, एडरॉइट, एसएमएस ग्रुप, जेएस डब्लू, शिगन क्वान्टम टेक्नोलॉजी, सोनालिका, असेंचर, कॉगनीजेंट, विप्रो आदि) में 86 प्रतिशत से अधिक छात्रों को रोजगार मिल चुका है। रोजगार पाने वाले विद्यार्थियों को प्राप्त होने वाले पैकेज की बात की जाय तो 6 लाख से अधिक के पैकेज पर विद्यार्थी कंपनियों में सेवाएं प्रदान कर विभिन्न बडे़-बडे़ प्रोजेक्टों पर कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा डीआरडीओ, इसरो, बीएआरसी, एचएएल, एनटीपीसी, भेल, सेल आदि जैसे कोर सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों में मैकेनिकल इंजीनियर्स की सबसे ज्यादा मांग होती है। आज भी जीएलए के अल्यूमिनाई छात्र दिनेश इसरो में साइंटिस्ट पद पर हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग और प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पदों पर आसीन होकर सेवाएं दे रहे हैं।

ये भी पढें: शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब सरकार का बड़ा कदम, लॉन्च किया सेंट्रलाइज्ड एडमिशन पोर्टल, छात्रों को मिलेगी ये सुविधा

विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने विद्यार्थियों की तकनीकी शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विभाग में अनुसंधान प्रयोगशालाएं माइक्रो-नैनो डेवलपमेंट एंड रिसर्च सेंटर, सेंटर फॉर ऑटोमोटिव रिसर्च, नैनो-फ्लूइड रिसर्च लैब, सोलर एनर्जी लैब, इंजीनियरिंग डिज़ाइन सेंटर, सीमेंस ऑटोमेशन सेटअप आदि प्रयोगशालाओं के माध्यम से दर्जनों पेटेंट पब्लिश और ग्रांट हो चुके हैं। विद्यार्थियों के द्वारा एक्वा एयर फ्क्चिर फॉर फ्रिक्षन स्टिर वेल्डिंग, गाइड बेडिंग मशीन, ट्रेडमोलेन ई-साइकिल, अल्ट्रासोनिक फिंगर प्रिंट पेडलॉक, टूलकिट फॉर कम्प्यूटेशन एंड एम्पॉवरमेंट, फोर व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म आदि प्रोटोटाइप छात्रों ने तैयार कर पब्लिश और ग्रांट कराये हैं।

ये भी पढ़ें: UIDAI ने पेश किया फेस ऑथेंटिकेशन ऐप, जानिए कैसे करेगा काम, मिलेंगे ये फायदे

डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने बताया कि मैकेनिकल विभाग अपने छात्रों को विश्वस्तरीय तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न संस्थानों एमएसएमई, टुव सुड, एसवीआर इंफोटेक, एनआईएसई, सोसाइटी ऑफ ऑटोमेटिव इंजीनियर्स, अमेरिकन सोसायटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स, इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स के साथ एमओयू साइन किया हुआ है। इनके माध्यम से छात्रों को समर इंटर्नशिप, वेल्यू एडेड कोर्सेस, स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग, इंडस्ट्रियल विजिट, अतिथि व्याख्यान एवं कार्यशालाओं सहित विभिन्न स्तरों पर होने वाले कॉम्पटीशन प्रोग्राम में भाग लेने के अवसर मिलते हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।

Share.
Exit mobile version