Math 2.0: हर साल 8 जुलाई को ‘गणित 2.0 दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन गणित और प्रौद्योगिकी संयोजन के महत्व को याद दिलाता है। द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने में मदद करने वाली सबसे बड़ी खोजों में गणित के उपयोग को बताया गया है। एक अंग्रेजी गणितज्ञ एलन टयूरिंग ने एक ऐसी मशीन बनाने के लिए कई कठिन गणनाएं की जो जर्मन सैन्य कोड को तोड़ सकती थीं। अब बात करते हैं कि गणित 2.0 का इतिहास कैसा रहा।

गणित ने कई खोजों में योगदान दिया

सदियों से गणित ने कई खोजों में योगदान दिया है। साल 2009 में मैथ 2.0 ‘मैथ इंटरेस्ट ग्रुप’ द्वारा बनाया गया था। समूह को ऑनलाइन गणित के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए साथ ही सक्षम करने के लिए इसको बनाया गया। इसमें बताया गया कि कैसे गणित ने तकनीकी नवाचारों में मदद की है। साथ ही मैथ इंटरेस्ट ग्रुप ‘अनुसंधान और विकास परियोजनाओं’ पर भी सहयोग करता है जो वित्त, इंजीनियरिंग चिकित्सा और यहां तक कि सामाजिक-विज्ञान के क्षेत्र में भी गणित की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है।

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ग्रहों के अध्ययन करने में मदद

गणित के योगदान में पाइथागोरस, पाइथागोरस प्रमेय बनाया। जिसने ग्रहों के अध्ययन करने में मदद की। इसके साथ 17वीं शताब्दी में जोहान केपलर ने घूमकेतु और ग्रह की कक्षाओं की गति का पता लगाने के लिए गणितीय घटनाओं का उपयोग किया। इसके अलावा विलियम रोगन हैमिल्टन ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में बहुत सारे ऐसे काम किए जो क्वांटम यांत्रिकी के विकास के लिए जिम्मेदार है। विद्युतीय चुंबकत्व को नियंत्रित करने के लिए भी मैथ का इस्तेमाल किया गया।

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नवाचारों के जीवन को आसान बना दिया

1950 के दशक में अमेरिकी गणितज्ञ और मौसम विज्ञानी एडवर्ड नॉर्टन लोरेंज द्वारा मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए एक सूत्र का निर्माण किया गया था। इसके लिए भी मैथ का इस्तेमाल किया। अब गणित आने वाले वर्षों में भी काफी लाभ पहुंचा सकता है। गणित के बिना आज जो भी तकनीकी और मनोरंजन माध्यम हमारे पास मौजूद है वह सब नहीं होते। मैथ में तकनीकी नवाचारों के जीवन को आसान बना दिया है। इसी वजह से ही मैथ 2.0 मनाया जाता है।

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