जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के पीएचडी स्कॉलर (शोधार्थी) ने गाइड बैन्डिंग मशीन पर रिसर्च कर एक प्रोटोटाइप तैयार किया है। इस मशीन के द्वारा वैल्डिंग की ताकत आसानी से मापी जा सकेगी। पीएचडी स्कॉलर द्वारा तैयार इस तकनीकी मशीन का पेटेंट भी पब्लिश हो चुका है।

पीएचडी स्कॉलर शहाबुद्दीन

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पीएचडी स्कॉलर द्वारा की गई खोज में कई तकनीकी पुर्जो बेस प्लेट टॉप प्लेट, डाई प्लेट, डाई, पंच, एंगल प्रोटेक्टर प्रेशर गेज आदि का इस्तेमाल किया गया है। इन्हीं पुर्जों के माध्यम से वेल्डिंग किए टुकड़ों की गुणवत्ता की ठीक से गाप हो सकेगी। पीएचडी स्कॉलर शहाबुद्दीन ने बताया कि यह मशीन हाइड्रोलिक (बल) पर काम करती है। इस मशीन में वैल्डिंग की जॉब फिक्स रहती है और यू सेप बन जाती है। इसको 180 अंश टैस्ट परीक्षण भी कहते हैं। शाहबुद्दीन ने एंगल के टैस्ट परीक्षण को मापने के लिए एंगल प्रोटेक्टर लगाया है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार द्विवेदी

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि छात्र द्वारा तैयार इस गाइड बैन्डिंग मशीन का पेटेंट पब्लिश हो चुका है। इसके प्रयोग से छात्रों को रिसर्च करने में मदद मिलेगी। साथ ही बैल्डिंग करने के बाद किसी भी लोहे के पुर्जे का यू’ सेफ बनाने वाले व्यक्तियों को गुणवत्ता मापने में भी आसानी होगी। यह मशीन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में तैयार हुई है। विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल, एसोसिएट डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने दूरगामी रिसर्च के परिणाम पर हर्ष व्यक्त किया।

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