शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित जेएनयू की ही छात्र रह चुकी है। शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने जेएनयू से 1986 से 1990 के बीच स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल और पीएचडी की है। शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को जेएनयू के 13 वें कुलपति के रूप में चुना गया है और शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित अपना कार्यभार आज से अगले पांच साल तक संभालेंगी।

इससे पहले शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुकी है। जिसके बाद अब शांतिश्री धूलिपुडी पंडित को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पहली महिला और 13 वीं कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है।

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जेएनयू के विज़िटर के रूप में अपनी क्षमता से शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को कुलपति के रूप में नियुक्त किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू रजिस्ट्रार को लिखे एक पत्र में कहा, शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को अगले पांच साल तक के लिए जेएनयू के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है।

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पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में राजनीति और लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर रही पंडित अब एम जगदीश कुमार की जगह लेंगी। एम जगदीश कुमार को बीते शुक्रवार यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

कौन है शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित
शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित जेएनयू की ही पूर्व छात्र है। पंडित ने 1986 से 1990 के बीच स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल और पीएचडी की है। पंडित ने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की है। पंडित गोवा यूनिवर्सिटी में भी लम्बे वक़्त तक पढ़ा चुकी हैं। 59 वर्षीय पंडित का जन्म सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) में हुआ था, जहां उनकी मां लेनिनग्राद ओरिएंटल फैकल्टी विभाग में तमिल और तेलुगु की प्रोफेसर थीं।

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