Success Story: “कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है” ये लाइन को सभी को याद रहता है। मगर इसे सिद्ध बहुत कम लोग ही कर पाते हैं। आपको बता दें, भारत में एक ऐसे आईएएस ऑफिसर हैं जिनके पास सोने को छत तक नहीं था। प्लेटफार्म पर अपनी रात गुजार दिया करते थे। जी हां, आज हम आप सभी के लिए एक ऐसे शख्स की सक्सेस स्टोरी लेकर आए हैं। जिनके पास रहने को छत तक नहीं था। फीस भरने को पैसे तक नहीं थे। मगर उन्होंने अपनी मेहनत से अपने सपनों को पूरा किया और बन गए आईआईटियन के साथ-साथ आईएएस ऑफिसर। तो आइए जानते हैं, आईएएस शिवागुरु प्रभाकरण की कहानी।

आर्थिक समस्या से छोड़ दिए इंजीनियरिंग

शिवागुरू प्रभाकरण एक समय पर अपना सपना छोड़ ही दिए थे। इनके घर की खराब स्थिति इनके सपने को चूर चूर कर दी। इनके पिता बहुत बड़े शराबी थे। इनकी मां और बहन नारियल बेच कर घर चलाती थी। जब वो अपनी मां और बहन कर इतना मेहनत करते देखते थे तो खुद भी ऑपरेटर के रूप में काम करने लग गए। तब उन्होंने ठान लिया कि अपने भाई को इंजीनियर बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने जो भी पैसे कमाई उन सभी के अपने भाई को इंजीनियरिंग करवाया। मगर ये खुद के भी सपने को खत्म करना नहीं चाहते थे। अभी भी मन में इंजीनियर बनने का सपना छिपा था।

छत नहीं तो प्लेटफार्म पर बीती रात

शिवागुरू अपनी कड़ी मेहनत से अपने भाई को इंजीनियरिंग करवाया। इसके बाद इन्होंने अपनी बहन की शादी भी करवाई। इसके बाद अब ये अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान दिए और वेल्लोर में थानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिये। इसके बाद वो चेन्नई आए। फिर आईआईटी मद्रास का एंट्रेंस क्लियर करने का सपना सजाया। बता दें, जब वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस चुकाना बहुत मुश्किल हो गया था। इसके लिए वो वीकेंड पर जॉब करते थे और छत नहीं होने के कारण प्लेटफार्म पर सोया करते थे।

Also Read: Delhi News: “पहले आओ पहले पाओ” की स्कीम पर दिल्ली में फ्लैट मिलने का सपना साकार, जारी होगा कब्जा पत्र

नहीं माने हार और करते रहें तैयारी

इसके बाद शिवागुरू अपनी मेहनत और लगन से 2014 में एमटेक में टॉप किए। इसके बाद इन्होंने सिविल सर्विस में जाने का मन बना लिया। लगातार इसकी तैयारी में लगे रहें। इस परीक्षा में 3 बार इन्हे असफलता मिली। मगर 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में इन्हे 101 रैंक मिली और ये आईएएस ऑफिसर बन गए। किसी ने सोचा नहीं होगा की प्लेटफार्म पर सो कर भी कोई आईएएस का पद संभाल सकता है। शिवागुरू की ये कहानी आज सभी के लिए प्रेरणादायक है। बता दें, दुनिया में कोई भी चीज मुश्किल नहीं होती है।

Also Read: Education: अब EWS और OBC के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग की नहीं भरनी होगी फीस, सरकार का बड़ा फैसला

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।

Share.

मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

Exit mobile version