10वीं-12वीं की परीक्षाओं को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है। जिसमें 10वीं-12वीं के छात्रों को परीक्षा के लिए अब ऑफलाइन ही एक्जाम देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं परीक्षार्थियों को भ्रमित करती है, इसलिए आगे से ऐसी याचिकाएं बिल्कुल न लगाएं।

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि और ज्यादा कन्फ्यूजन करना। पहले ही आपने जनहित याचिका के नाम पर ये अर्जी दाखिल कर छात्रों और अभिभावकों के बीच बहुत कन्फ्यूजन किया हुआ है।

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आपको बता दें, देश भर के 15 राज्यों के छात्र-छात्राओं द्वारा एडवोकेट अनुभा सहाय श्रीवास्तव के माध्यम से दायर याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय बोर्डों के साथ-साथ राज्यों परीक्षा बोर्ड को आदेश दिया जाए कि कक्षा 10 और 12 वीं की परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन मोड में न किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए इस मांग को पलट दिया है।  सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसे छात्र बेहद खुश हैं जो कोरोना के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे थे। लेकिन अब वह स्कूल जाकर परीक्षाएं दे सकेंगे।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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