यूपी में बेसिक शिक्षा में शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन, पेंशन, ग्रेजुएटी व जीपीएफ के भुगतान में यदि अब देरी होती है, तो उन्हें अपना वेतन ब्याज समेत प्राप्त होगा। इससे संबंधित आदेश विभाग के वित्त नियंत्रक के द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त के बाद जारी किए गए हैं। दरअसल विभाग कई बार ऐसी शिकायतों का सामना कर चुका है, जिनमें कर्मचारी व शिक्षक संगठन अक्सर यह शिकायत करते आए हैं कि उनका वेतन आमतौर पर देरी से मिलता है, परंतु अब विभाग ने इसके लिए एक अलग से आदेश जारी कर दिए है। अब कर्मचारियों को यदि वेतन मिलने में देरी होती है, तो उन्हें अपने वेतन के साथ-साथ ब्याज भी समय पर मिलेगा।

हाईकोर्ट ने भी ठीक इसी प्रकार का आदेश जारी किया है। इस पूरे मामले पर विभाग के वित्त नियंत्रक रविंद्र कुमार ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा है कि मुख्यालय स्तर पर ब्याज भुगतान के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए विभाग की तरफ से ना सिर्फ आदेश जारी किए गए हैं बल्कि वेतन से जुड़े मामलों के लिए और ब्याज के भुगतान के लिए एक बजट आवंटित करने का फैसला लिया है। बेसिक शिक्षा में शामिल शिक्षकों के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी काफी खुश है।

क्या सरकार की बढ़ेगी मुश्किलें?

विभाग के अधिकारियों ने अपनी बात रखते हुए बताया कि “वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी व जीपीएफ का समय पर भुगतान ना होने के हजारों मामले में सरकार को करोड़ों रुपए का ब्याज का भुगतान करना होगा।” इन सबके बीच में यह बात तो साफ है कि अब सरकार को इस आदेश के जारी होने के बाद बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि वेतन के भुगतान में देरी होने के कई सारे मामले अब भी जिला स्तर पर लंबित है। ऐसे में यह फैसला जिसमें भुगतान में देरी होने पर ब्याज देने की बात कही गई हो, यह सरकार के लिए एक बड़ी मुश्किल बन सकता है।

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